उत्तराखंड

आखिर क्यों लाखों की लागत से लगे सीसीटीवी कैमरे बन कर रह गए हैं शोपीस

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रुड़की। लंढौरा में करीब 25 लाख की लागत से लगे 48 सीसीटीवी कैमरों का लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। लोगों कहना है कि लगने के कुछ माह बाद ही अधिकतर कैमरे बंद हो गए थे। जिसके चलते ज्यादातर कैमरे शोपीस बने हुए हैं। लंढौरा नगर पंचायत की ओर से वर्ष 2021 में करीब 25 लाख रुपये की लागत से 48 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। कैमरों को मुख्य मार्गों और चौराहों पर लगाया गया था। जिससे किसी भी तरह की घटना होने पर कैमरों की मदद से अपराध करने वाले लोगों का पता लगाया जा सके।

दुकानदारों और कस्बे के लोगों का कहना है कि जब कैमरे लगाए गए तब उन्हें इस बात की खुशी हुई थी कि कैमरों से अपराध पर अंकुश लगाया जा सकेगा। लोगों का कहना है कि कुछ दिनों के बाद ही अधिकतर कैमरों ने काम करना बंद कर दिया था। कारी सुलेमान का कहना है कि 8 अप्रैल की रात को उसके बंद मकान का ताला तोड़ कर नगदी और जेवर चोरी कर लिए गए थे। 25 अप्रैल की रात में रेलवे स्टेशन मार्ग पर रेडीमेट कपड़ों की दुकान से कपड़े और जूते चोरी किए गए थे। 5 जून की रात को नगर पंचायत कार्यालय के सामने ही रुड़की लक्सर मार्ग पर दुकान के ताले तोड़ कर 11 बैटरी और इनवर्टर चोरी किया गया। मोहल्ला बाहर किला निवासी अनीस का कहना है कि 8 जून की रात में उसकी भैंस चोरी कर ली गई। पीड़ित लोगों का कहना है कि ये सब घटनाएं उन स्थानों पर हुई है जिन रास्तों पर कई जगह पर नगर पंचायत के सीसीटीवी कैमरे लगे हुए।

लेकिन ज्यादातर कैमरे सुचारु रूप से चालू नहीं होने से घटना को अंजाम देने वाले लोगों की पहचान में कोई मदद नहीं मिल पाई है। नगर पंचायत के ईओ हरिचरन सिंह का कहना है कि कुछ शरारती लोग कैमरों की लीड खींच देते हैं। इसी कारण ज्यादर कैमरों के काम सुचारु रूप से नहीं पाता। ईओ का कहना है कि जल्द ही सभी कैमरों को ठीक कराया जाएगा।



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