उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट को दक्षिण कोरिया ने क्यों बताया खतरा, जाने वजह
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दक्षिण कोरिया। जहाँ एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में बमबारी हो रही है। वही दूसरी तरफ दक्षिण कोरिया ने शनिवार को नौवें मिसाइल की टेस्टिंग की है। जो कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्व में सागर की ओर दागी गई। यह जानकारी दक्षिण कोरिया के चीफ्स आफ स्टाफ की ओर से दी गई। यह इस साल का नौवां मिसाइल टेस्टिंग है। इससे पहले 27 फरवरी को एक मिसाइल दागी गई थी। इसी साल 29 जनवरी को भी उत्तर कोरिया ने मिसाइल दागी थी। 29 जनवरी को उत्तर कोरिया ने ह्वासोंग-12 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। दक्षिण कोरिया में मार्च में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हैं और मून पांच साल तक इस पद पर रहने के बाद, मई में पद त्याग देंगे।
जनवरी में भी किया था सात हथियारों का परीक्षण
उत्तर कोरिया ने जनवरी के महीने में भी सात हथियारों का परीक्षण किया था जिसमें 2017 के बाद से बनाई गई सबसे शक्तिशाली मिसाइल भी शामिल है। उस दौरान कहा गया कि यहां के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को उकसाने के लिए यह कदम उठाया था।
दक्षिण कोरिया ने बताया संकट
दक्षिण कोरिया के आर्मी चीफ ने इस मिसाइल की टेस्टिंग को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रिजालूशंस का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि लगातार इस तरह की टेस्टिंग दुनिया के लिए खतरनाक है। इसपर तत्काल रोक लगनी चाहिए। वहीं इससे पहले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने भी हथियार कार्यक्रम के विस्तार के प्रति चिंता प्रकट की थी और कहा कि उत्तर कोरिया एक बार फिर लंबी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण शुरू कर सकता है जिससे क्षेत्र में युद्ध का माहौल फिर से बनने की संभावना है।
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