दो माह के वेतन को लेकर रोडवेज कर्मियों का फूटा गुस्सा, किया प्रदर्शन
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अल्मोड़ा। जनवरी और फरवरी के वेतन के लिए रोडवेज कर्मचारियों ने बुधवार को एक घंटा कार्य बहिष्कार कर रोडवेज कार्यशाला में प्रदर्शन किया। वहां हुई सभा में वक्ताओं ने वेतन जल्द न देने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।वहां हुई सभा में रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष गोविंद प्रसाद टम्टा ने कहा कि रोडवेज कर्मचारियों को जनवरी और फरवरी का वेतन नहीं मिला है। बगैर वेतन के कर्मचारियों को घर चलाना मुश्किल पड़ रहा है।
रोडवेज कर्मचारियों ने कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर ड्यूटी की लेकिन अब कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। कई कर्मचारी किराये के मकानों में रहते हैं। दो महीने से वेतन न आने से उन्हें मकान का किराया चुकाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों को आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। परिषद के शाखा मंत्री राम दत्त पपनै ने शासन पर रोडवेज कर्मचारियों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कर्मचारियों को वेतन का जल्द भुगतान करने की मांग की। प्रदर्शन में प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश नेगी, गोपाल जोशी, भगवती नेगी, आनंदी शुक्ला, हरीश रावत, सुंदर कोरंगा, पुष्कर आर्या, विपिन जोशी, तारा पपनै, धीरज लटवाल, हरीश मेलकानी, रमेश जोशी आदि रहे।
जल संस्थान के संविदा कर्मियों को चार माह से मानदेय नहीं मिला
भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। उत्तराखंड जल संस्थान में कार्यरत संविदा श्रमिकों को पिछले चार माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया जा सका है। इससे श्रमिकों में आक्रोश है। श्रमिकों का कहना है कि जहां एक ओर सरकार जल जीवन मिशन के माध्यम से घर-घर पेयजल पहुंचाने की बात करती है वहीं जलापूर्ति में लगे श्रमिकों को मानदेय का भुगतान नहीं दिया जा रहा है। इससे श्रमिकों के आगे अपने परिवार के भरण-पोषण का संकट हो गया है।
विभाग को समझना चाहिए कि मानदेय न मिलने से महंगाई के दौर में न परिवार का गुजर बसर हो सकता है, न बच्चों को स्कूली शिक्षा दी जा सकती है जबकि मानदेय के एवज में श्रमिक पूरी निष्ठा के साथ अपना काम कर रहे हैं। विभाग को शीघ्र की संविदा श्रमिकों को मानदेय देना चाहिए। मानदेय की मांग करने वालों में रानीखेत डिविजन के अध्यक्ष केवलानंद पाठक, हंसा दत्त पांडे, अमर सिंह, बचे सिंह, गणेश नाथ आदि थे।
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