नैनीझील में पर्यटकों के बढ़ते दबाव से बिगड़ी पानी की गुणवत्ता
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देहरादून। नैनीताल में पर्यटकों का बढ़ता दबाव नैनीझील के पानी की गुणवत्ता खराब कर रहा है। नैनीझील की पानी की गुणवत्ता पर हुए ताजा शोध में पता चला है कि पर्यटन सीजन (अप्रैल, मई, जून) के दौरान मल्लीताल क्षेत्र में पानी की गुणवत्ता तल्लीताल के मुकाबले ज्यादा खराब हो जाती है।
ग्राफिक एरा हिल विवि भीमताल के अजय कुमार सिंह, वर्षा, अमित मित्तल के नैनीझील के वाटर क्वॉलिटी असेसमेंट विषय पर हुए शोधपत्र को रिसर्च गेट में प्रकाशित किया गया है। शोध के अनुसार पर्यटन सीजन के दौरान पानी का पीएच मान भी 8.8 तक पहुंच जाता है।
जबकि सामान्य तौर पर पीने योग्य पानी का पीएच मान 7.5 आदर्श माना जाता है। स्वास्थ्य मानकों के अनुसार पानी घुलनशील तत्व यानी टीडीएस स्तर 100 से 150 तक होना चाहिए, पर नैनीझील में यह सामान्य तौर पर 300 के स्तर पर होता है। जून में तो टीडीएस का स्तर 450 तक पहुंच जाता है। वहीं पानी को बिना शोधन के पीना सेहत के लिए ठीक नहीं बताया गया है। नैनीताल के लोगों को पीने के पानी की सप्लाई झील के पानी को साफ करके ही की जाती है। पर नीति आयोग के सदस्यों ने बीते दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नैनीताल में सप्लाई हो रहे पेयजल की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल उठाया था। रिपोर्ट के अनुसार नैनीताल के लोगों को सप्लाई हो रहा पानी पीने के मानकों को पूरा नहीं कर रहा है।इस कारण नैनीताल में लोगों में पथरी की समस्या काफी अधिक नजर आ रही है। ऐसे में सवाल जल संस्थान की पेयजल सप्लाई व्यवस्था पर भी उठ रहा है। नैनीझील से रोजाना करीब आठ एमएलडी पानी निकाला जाता है।
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