बाल विकास विभाग ने रोकी 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची की शादी
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देहरादून। ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत जीवनगढ में इन दिनों एक चौदह वर्षीय नाबालिग की शादी तैयारियां जोरों पर थी। परिजन शादी की तैयारियों में जुटे थे। बीस जून को शादी प्रस्तावित थी। लेकिन ऐन मौके पर बाल विकास विभाग को भनक लग गयी। बाल विकास विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर नाबालिग के समस्त प्रमाण पत्र निकालकर परिजनों की काउंसिलिंग की। कहा कि नाबालिग की शादी नहीं कर सकते। यदि जबरन शादी करने की कोशिश की पूरे परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। जिसके बाद परिजन शादी रोकने को तैयार हुए। चौदह वर्षीय नाबालिग की शादी की तैयारियों की सूचना मिलने पर बाल विकास परियोजना अधिकारी तरुणा चमोला अपनी टीम के साथ बुधवार को जीवनगढ गांव में नाबालिग के घर पहुंची।
जहां शादी की तैयारियों में पूरा परिवार जुटा था। शादी के कार्ड छापने को दे दिए गये थे। शादी का अन्य सामान जुटाया जा रहा था। बीस जून को शादी की तिथि तय थी। जिसको लेकर तैयारियां जोरों पर थी। लेकिन तभी नाबालिग बच्ची के घर पहुंची परियोजना अधिकारी ने नाबालिग के परिजनों से शादी रोकने को कहा तो परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी 18 वर्ष की है।
जबकि नाबालिग की मां ने बताया कि अभी 17 वर्ष की है। लेकिन बाल विकास परियोजना अधिकारी ने आंगनबाडी के दस्तावेज मंगाये तो उसमें लडकी की उम्र आधार कार्ड के आधार पर चौदह वर्ष पायी गयी। राशन कार्ड में लडकी की उम्र 13 वर्ष पायी गयी। परियोजना अधिकारी तरुण चमोला व उनकी टीम सहयोगी सुपरवाइजर सुमित्रा बिजल्वाण ने नाबालिग की सही उम्र निकालने की जिम्मेदारी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं पर सौंपी।
साथ ही परिजनों को बताया कि नाबालिग की शादी करना कानूनी अपराध है। किसी भी दशा में वे नाबालिग की शादी नहीं कर सकते। यदि जबरन शादी करने की कोशिश की तो पूरे परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। जिसके बाद नाबालिग के परिजन मान गये। परिजनों ने बाल विकास परियोजना अधिकारी को बताया कि 18 वर्ष पूरा होने के बाद ही शादी करेंगे। बाल विकास परियोजना अधिकारी तरुणा चमोला ने बताया कि नाबालिग की शादी की निगरानी के लिए आंगनबाडी कार्यकर्ता को निर्देश दिए गये हैं।
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