उत्तराखंड

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य राजेंद्र सिंह ने चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाओं पर जताई नाराजगी, अधिकारियों को बताया किस तरह करें यात्रियों का स्वागत

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ऋषिकेश। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य राजेंद्र सिंह ने चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाओं को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यात्रियों के पंजीकरण नहीं हो पा रहे हैं। चारधाम मार्ग पर यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। यात्री धूप में बस अड्डों के बाहर जमीन पर सो रहे हैं। यात्रियों से एक पानी की बोतल के लिए 100 रुपये तक लिए जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि चारधाम यात्रा की व्यवस्था भगवान के भरोसे चल रही है। एनडीएमए के सदस्य और भारतीय तटरक्षक बल के पूर्व महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सोशल मीडिया और अखबार चारधाम यात्रा व्यवस्था की खामियों की खबरों से भरे हुए हैं।

यात्रियों को पंजीकरण कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ है, लेकिन अब तक पंजीकरण की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में उत्साह है। देशभर से तीर्थयात्री चारधाम पहुंच रहे हैं। लेकिन अभी तक यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने की ठोस व्यवस्था तैयार नहीं की गई है।

उन्होंने कहा कि हम यात्रियों को रोक नहीं सकते हैं। इसलिए व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करना होगा। हरिद्वार, ऋषिकेश और अन्य स्थानों पर धार्मिक समागम के आयोजन के माध्यम से यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए विभागीय स्तर पर भी प्रचार प्रसार किया जा सकता है। उन्होंने एसएनए आनंद सिंह मिश्रवाण से पूछा कि प्रतीक्षालय और आईएसबीटी पर बसों की पार्किंग को लेकर क्या व्यवस्था है। एसएनए ने बताया कि आईएसबीटी में 16 प्रतीक्षालय हैं। बस अड्डे की क्षमता 300 बसों की हैं। यह व्यवस्थाएं पर्याप्त हैं। एनडीएमए सदस्य ने कहा कि फिर 42 डिग्री के तापमान में कड़ी धूप में यात्री बस अड्डों के बाहर क्यों सो रहे हैं।

इस पर उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर गंदगी का अंबार है। उन्होंने एसएनए से पूछा कि कूड़े के निस्तारण के लिए क्या व्यवस्था है। एसएनए ने बताया कि तीन शिफ्ट में कूड़ा उठाया जा रहा है। पुराने ट्रंचिंग ग्राउंड में लिगेसी वेस्ट का निस्तारण किया जा रहा है। लिगेसी वेस्ट के निस्तारण के बाद अगले छह महीने में ट्रंचिंग ग्राउंड को शिफ्ट कर दिया जाएगा।

एनडीएमए सदस्य ने एसएनए को एक माह के भीतर कूड़े के निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि चारधाम यात्रा में पंजीकरण, स्वास्थ्य सुविधा, डेंजर जोन पर सुरक्षा उपाय, भीड़ नियंत्रण, खाद्य वस्तुओं के दामों पर नियंत्रण के लिए बेहतर ढंग काम करने की जरूरत है। उन्होंने किसी भी कोई भी यात्री उत्तराखंड से गलत संदेश न लेकर जाए। 60 से ऊपर के तीर्थयात्रियों से स्वास्थ्य जांच प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से लिया जाए।

राजेंद्र सिंह ने कहा कि वह हर महीने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे। यात्रा व्यवस्थाओं में जुटे सभी संबधित जिलों के विभाग के अधिकारी सप्ताह में एक बार संयुक्त बैठक जरूर करें। वहीं सिटी मजिस्ट्रेट देहरादून कुश्म चौहान ने तहसीलदार अमृता सिंह को शहर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। बैठक के बाद एनडीएमए सदस्य ने आईएसबीटी का निरीक्षण भी किया।

एनडीएमए सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा कि चारधाम यात्रा से प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है। विभिन्न राज्यों से आने वाले चारधाम यात्री हमारे अतिथि हैं। यात्रियों का स्वागत कर उनको रुद्राक्ष की माला भेंट कर सफल यात्रा की कामना की जाती है तो इससे यात्री पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। वह रुद्राक्ष को साथ रख यात्रा की सभी अड़चनों को भूल जाएंगे। उन्होंने यात्रियों को जागरूक करने के लिए पैंपलेट और 13 जिलों के विवरण की एक बुकलेट भी भेंट की जा सकती है।

यात्रियों को उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन और शुद्ध पेयजल की निशुल्क सुविधा भी दी जा सकती है। स्वयंसेवियों के साथ मिलकर यात्रियों के लिए भंडारे आयोजित किए जा सकते हैं। उन्होंने एआरटीओ प्रशासन अरविंद पांडेय से पूछा कि अब क्या यात्रियों को यातायात नियमों को लेकर जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीन कार्ड के साथ और चेक पोस्ट पर यात्रियों को जागरूकता पैंपलेट दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता पैंपलेट पर स्वच्छ, सुंदर, स्वस्थ उत्तराखंड, इसे गंदा न करें।

एनडीएमए सदस्य राजेंद्र सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों से पूछा कि क्या कम्युनिटी इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) का गठन किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक सीईआरटी टीम गठित नहीं है। एनडीएमए सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा कि यात्रा मार्ग में दर्जनों डेंजर और लैंड स्लाइड जोन हैं। इतनी बड़ी संख्या में चारधाम यात्री उत्तराखंड पहुंच रहे हैं लेकिन बड़ी हैरानी की बात है कि सीईआरटी टीम गठित किए बिना ही यात्रा संचालित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि अगर आपदा की स्थिति पैदा होती है तो क्या हमारे पास यात्रियों को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। उन्होंने तुरंत सीईआरटी टीम का गठन करने के निर्देश दिए। एनडीएमए सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा कि अखबारों और न्यूज चौनलों में चारधाम यात्रा की व्यवस्था की खामियों की खबरें आ रही हैं लेकिन विभागों के कार्यों और सुधार की खबरें कहीं नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा जनसंपर्क अधिकारी विभागों की ओर किए गए कार्यों को मीडिया को जरूर ब्रीफ करें।



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