वन मंत्री सुबोध उनियाल के निर्देश पर राजाजी टाइगर रिजर्व में जल्द होगा बाघ संरक्षण फाउंडेशन का गठन
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देहरादून। वन मंत्री सुबोध उनियाल के निर्देश पर राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों से संबंधित अनुसंधान कार्य और कर्मचारी कल्याण के लिए जल्द ही बाघ संरक्षण फांउडेशन अस्तित्व में आएगा। इस दिशा में राजाजी प्रबंधन की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। राजाजी टाइगर रिजर्व (आरटीआर) के निदेशक साकेत बडोला ने बताया कि बाघ संरक्षण फाउंडेशन अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने और कर्मचारियों के कल्याण के साथ ही स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने में मददगार साबित होगा। योजना के अंतर्गत 50 प्रतिशत धनराशि अवशेष और चालू कार्यों को पूरा करने पर खर्च होगी। उन्होंने कहा कि यह फाउंडेशन आरटीआर की सीमा में रहने वाले ग्रामीणों के हित में भी कार्य करेगा। सामाजिक जिम्मेदारी के तहत अन्य संस्थानों से धन प्राप्त कर रिजर्व क्षेत्र में फाउंडेशन की ओर से विभिन्न कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक बाघ अभ्यारण्य में एक बाघ संरक्षण फाउंडेशन स्थापित करना अनिवार्य है। कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघ संरक्षण फाउंडेशन पहले से ही गठित है।
आरटीआर निदेशक ने बताया कि हाल ही में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें फाउंडेशन का गठन जल्द से जल्द करने के निर्देश जारी किए गए थे। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राजाजी में बाघ संरक्षण फाउंडेशन बनने के बाद रिजर्व की सीमाओं के पास रहने वाले ग्रामीणों के लिए कई कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जा सकेंगे। वहीं, वानिकी से संबंधित कार्य भी फाउंडेशन के माध्यम से निष्पादित किए जा सकेंगे।
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