विभागों के बीच तालमेल की कमी, 17 सड़कों का काम अटका
[ad_1]
देहरादून। सरकारी विभागों में तालमेल की कमी का नुकसान आम जनता को उठाना पड़ रहा है। प्रदेश की 17 सड़क परियोजनाओं का काम विभागों में आपसी तालमेल न होने की वजह से या तो शुरू नहीं हो पा रहा है या बीच में रुका हुआ है। इनमें कहीं बिजली विभाग का खंभा नहीं हट पा रहा है तो कहीं राजस्व विभाग में भूमि मुआवजे का मामला फंसा है। वन विभाग, जल संस्थान और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अपनी समस्याएं हैं।
रुद्रप्रयाग में चार सड़कों के चौड़ीकरण सहित कुंड बाईपास का काम अधिग्रहित भूमि की एवज में कास्तकारों को मुआवजा नहीं दिए जाने के कारण लटका हुआ है। नैनीताल में नेशनल हाईवे 87 का विस्तार किया जाना है, लेकिन राजस्व विभाग की ओर से नाप भूमि की कार्यवाही पूरी नहीं हो पाई है। पौड़ी जिले की तीन सड़कें वन भूमि हस्तांतरण नहीं हो पाने के कारण शुरू नहीं हो पा रही हैं। कार्यवाही प्रभागीय वनाधिकारी लैंसडौन वन प्रभाग, वन प्रभाग पौड़ी के स्तर पर लंबित है।
टू-लेन सड़क का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा
इसी तरह से नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों के डीएफओ के स्तर से वन भूमि हस्तांतरण का मामला लंबित होने से टू-लेन सड़क का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। उत्तरकाशी जिले में दो राज्य मार्गों के चौड़ीकरण का काम राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से संबंधित भू-स्वामियों को समय से मुआवजा नहीं दिए जाने के कारण लटका हुआ है।ऊधमसिंह नगर में भी एक फोर लेन सड़क का काम 132 केवि लाइन शिफ्टिंग की वजह से अटका हुआ है। उत्तरकाशी में धरासू बैंड के पास सड़क चौड़ीकरण का काम किया जाना है, लेकिन यहां जल संस्थान की पाइन लाइन काम में आड़े आ रही है। इसी तरह से सीमा सड़क संगठन के दो काम चमोली जिले में भूमि हस्तांतरण की प्रकिया पूरी नहीं हो पाने के कारण लटके हुए हैं।
देहरादून में ट्रांसफार्मर की वजह से अटका है काम
राजधानी देहरादून में आईएसबीटी से अजबपुर रेलवे क्रासिंग तक फोर लेन सड़क के चौड़ीकरण का काम यूपीसीएल की वजह से अटका हुआ है। यूपीसीएल की ओर से इस मार्ग पर दो बड़े ट्रांसफार्मर बिना अनुमति के लगाए गए हैं, इन्हें हटाए बिना सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
ऋषिकेश में विद्युत पोल बने बाधा
ऋषिकेश में शहर के बीचोबीच सबसे व्यस्ततम सड़क कोयल घाटी से चंद्रभागा पुल तक चौड़ीकरण कर फोर लेन का कार्य किया जाना है। इस सड़क पर 178 बिजली के पोल खड़े हैं। इन पोल को हटाने के लिए संबंधित विभाग की ओर से पैसा जमा किया जा चुका है, लेकिन विद्युत विभाग अब तक इन पोल को नहीं हटा पाया है।
किन विभागों की वजह से कितने काम लटके
राजस्व विभाग – सात
वन विभाग- चार
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार-दो
पावर कॉरपोरेशन विभाग- तीन
उत्तराखंड जल संस्थान- एक
जिन प्रोजेक्ट पर दूसरे विभागों की वजह से काम शुरू नहीं हो पा रहा है या अटका हुआ है, उनसे लगातार संपर्क कर मामलों को हल करने का प्रयास किया जा रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत वन विभाग की तरफ से आती है। वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया लंबी होने के चलते इनमें समय अधिक लग जाता है। विद्युत विभाग और जल संस्थान से संबंधित मामले शीघ्र सुलझा लिए जाएंगे।
– प्रमोद कुमार, प्रमुख अभियंता, लोनिवि
[ad_2]
Source link