उत्तराखंड

कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने की नेता प्रतिपक्ष पद की दावेदारी

[ad_1]

पिथौरागढ़। धारचूला विद्यायक हरीश धामी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के लिए सीमांत के युवा चेहरे को मौका मिलना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष पद के लिए उनकी दावेदारी प्रबल है। धामी ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी का विश्वास जीता है। धामी ने यह भी कहा कि उनके पिता ने वर्ष 1971 का युद्ध लड़ा है।

हरीश धामी का बयान ऐसे समय आया है जब हार के कारणों को लेकर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। अब नेता प्रतिपक्ष का मुद्दा सामने रखकर हरीश धामी ने एक और नई बहस को जन्म दिया है।

2012 से लगातार जीत रहे हैं धामी: हरीश धामी 2003 में निर्विरोध क्षेत्र पंचायत सदस्य बने थे। वर्ष 2008 में सर्वाधिक मतों से जिला पंचायत सदस्य चुने गए। वर्ष 2012 में कांग्रेस ने उन्हें धारचूला सीट से उन्हें टिकट दिया तो उन्होंने प्रचंड जीत दर्ज की। 2014 में उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत के लिए अपनी सीट छोड़ी और उप चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाई। वर्ष 2017 में प्रचंड मोदी लहर में भी वह अपनी सीट निकालने में कामयाब हुए। तब पिथौरागढ़ जिले की अन्य तीन सीटें कांग्रेस हार गई थी। हरीश धामी वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव में भी सीट निकालने में कामयाब हुए हैं।विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद जहां कांग्रेस में दिग्गज नेताओं में बयानबाजी का दौर चरम पर है वहीं धारचूला से विधायक चुने गए हरीश धामी ने अब नेता प्रतिपक्ष पद के लिए ताल ठोक दी है। उनका कहना है कि युवाओं का समय है इसलिए युवाओं को मौका मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह भाजपा ने पूर्व सैनिक के बेटे और युवा चेहरे को सीएम बनाया उसी तरह कांग्रेस को भी पूर्व सैनिक के बेटे और युवा चेहरे को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहिए।



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fapjunk