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CWC बैठक: बीजेपी पर लगाना था निशाना लेकिन G-23 नेताओं पर चले तीर

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नई दिल्ली. बीते सप्ताह कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) की ‘नाराजगी’ ने काफी कुछ जाहिर कर दिया. उनकी बातों से पार्टी के भीतर पैदा हुए गंभीर मतभेदों की बात उजागर हुई. उन्होंने कहा-राहुल गांधी स्पेशल हैं और सभी लोग ये बात जानते है कि पार्टी में हर निर्णय सोनिया गांधी करती हैं.

दरअसल केसी वेणगोपाल की प्रेस कांफ्रेंस दूसरा हमला थी, इसकी पहले बैठक में सोनिया गांधी ने भी G-23 नेताओं पर निशाना साधा था. इससे G-23 नेताओं को न सिर्फ पीड़ा हुई बल्कि उनमें नाराजगी भी है. सूत्रों का कहना है कि ये बैठक विद्रोहियों को तसल्ली देने के लिए नहीं बल्कि ये समझाने के लिए रखी गई थी कि सार्वजनिक बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

बैठक के राजनीतिक प्रस्ताव में भले ही बीजेपी पर हमला किया गया हो लेकिन मुख्य सार सोनिया गांधी का जी-23 समूह पर निशाना था. गुस्साए विद्रोही नेता महसूस कर रहे हैं कि उन्हें 2022 विधानसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार करना चाहिए. अगर इन चुनावों में पार्टी ने खराब प्रदर्शन किया तो फिर वो चुप नहीं बैठेंगे.

क्या बोले ग्रुप के सदस्य
ग्रुप के एक सदस्य ने न्यूज़18 से कहा-‘आप उनके बारे में क्या कहेंगे जिन्होंने बैठक में सरदार पटेल और पीवी नरसिम्हा राव पर निशाना साधा. जब वो हमारे आदर्शों की इज्जत नहीं करते तो हमारी कैसे करेंगे?’ दरअसल पार्टी में नए शामिल हुए कश्मीरी नेता तारिक कारा ने बैठक में कहा कि पटेल चाहते थे कि जम्मू-कश्मीर जिन्ना और पाकिस्तान को दे दिया जाए. वहीं एक अन्य वर्किंग कमेटी सदस्य ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भारतीय जनता पार्टी का एजेंट बताया.

गांधी परिवार की मौजूदगी में पटेल और पीवी नरसिम्हा राव का अपमान
लेकिन जी 23 नेताओं को सबसे ज्यादा गुस्सा इस बात पर आया कि नेहरू और नरसिम्हा राव के बारे में यह सबकुछ कहा गया और सोनिया-राहुल चुप रहे.

पार्टी लीडरशिप को लेकर कपिल सिब्बल द्वारा हाल ही में दिए गए बयान को लेकर बैठक में नाराजगी थी. सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने निर्णय कर लिया था कि अब इस तरह के बयान बहुत हो चुके. अगर इन्हें रोका नहीं गया तो पार्टी कमजोर होगी. साथ ही नेताओं का झुकाव जी 23 की तरफ भी हो सकता है. लेकिन सोनिया गांधी का गुस्सा ज्यादातर राहुल गांधी के बचाव में था. बीती बैठकों से अलग इस बार राहुल गांधी दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष बनने की बात को लेकर विचार करने के मूड में दिखे. हालांकि वो चाहते हैं कि ऐसा चुनावों के जरिए हो.

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