‘ओमिक्रॉन’ ने बढ़ाई चिंता, ICMR के वैज्ञानिक बोले- जरूरी नहीं है ज्यादा म्यूटेशन से वेरिएंट घातक होगा
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(हिमानी चांदना)
नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिले नए वेरिएंट B.1.1.529 को ‘ओमिक्रॉन’ नाम दिया गया है. इस वेरिएंट में बड़ी संख्या में हुए म्यूटेशन (Mutations) को लेकर चिंता जताई जा रही है. हालांकि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिक डॉक्टर समीरन पांडा (Dr Samiran Panda) का कहना है कि यह जरूरी नहीं है कि हमेशा ज्यादा म्यूटेशन के चलते वेरिएंट घातक होगा. उन्होंने इसे लेकर ज्यादा सावधानी और सतर्क रहने की बात कही है.
न्यूज18 से बातचीत में पांडा ने बताया कि म्यूटेशन की संख्या वायरस को अधिक संक्रामक नहीं बनाती, बल्कि स्ट्रक्चर फंक्शन रिलेशनशिप या स्वरूप और कार्य का संबंध है, जो असर डालता है. उन्होंने कहा, ‘वायरस में एक से ज्यादा म्यूटेशन के चलते शायद यह जरूरी नहीं है कि वायरस इंसान के सेल में फिट और लॉक हो जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘भारी म्यूटेशन के कारण संरचना में आए बदलाव इंसान के सेल से जुड़ने को लेकर वायरस पर विपरीत तरह से असर डाल सकते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘यह ध्यान देने वाली बात है कि जैसा कि हमने डेल्टा में देखा, म्यूटेशन वायरल वेरिएंट को कुछ फायदा पहुंचाता है और साथ ही इसे फैलने के लिए और बेहतर ढंग से तैयार करता है.’ डॉक्टर पांडा ने आगे कहा, ‘एक वायरस को फैलने के लिए जीवित होस्ट की जरूरत होती है, ऐसे में किसी घातक म्यूटेंट के फैलने की संभावना नहीं है क्योंकि उसका होस्ट वायरस का प्रसार करने के लिए जीवित ही नहीं है.’ WHO की तरफ से नए वेरिएंट की जांच की जा रही है. संगठन पता लगा रहा है कि क्या नए मामलों या गंभीर बीमारियों का कारण यही वेरिएंट है.
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भारत में नहीं मिला कोई मामला
भारत में अब तक इस वेरिएंट का कोई भी मामला नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि INSACOG SARS-CoV-2 जीनोमिक वेरिएशन्स पर नजर रखा हुआ है. उन्होंने कहा कि वायरस वही है, लेकिन यह म्यूटेट हो रहा है. जानकार ने बताया कि वायरस ने एक होस्ट से दूसरे होस्ट तक जाने की रणनीति में बदलाव नहीं किया है. डॉक्टर पांडा ने कहा, ‘इसलिए कोविड-19 के प्रसार की चेन को तोड़ने वाली सावधानियां और उपाय वही रहेंगे.’
ICMR वैज्ञानिक ने कहा कि वेरिएंट को किसी भी देश के नाम के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमने वायरस के वेरिएंट को हमेशा उसके साइंटिफिक नाम या नॉमेनक्लेचर कोड के जरिया बताना चाहिए. इसे कभी भी उस देश के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए, जहां यह पहली बार मिला था, यह केवल पता लगाने का काम है और इसका म्यूटेंट की शुरुआत से कोई लेना-देना नहीं होता.’ नए वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में ही 30 से ज्यादा समेत कुल 50 म्यूटेशन हैं.
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Tags: Coronavirus, Coronavirus New Variant, Covid-19 Update, ICMR, Omicron variant
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