उत्तराखंड

नेवी के लापता ट्रेकरों की खोज में होमकुंड बेस कैंप उतरा बचाव दल, मौसम साफ होने पर तेज़ होगा रेस्क्यू ऑपरेशन

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चमोली/देहरादून. उत्तराखंड के चमोली ज़िले में त्रिशूल पर्वत पर ट्रेकिंग के लिए गया भारतीय नेवी के पर्वतारोहियों का एक दल हिमस्खलन के चलते लापता बताया जा रहा है, जिसकी तलाश का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के लिए मौसम के ठीक होने का इंतज़ार किया जा रहा है. हालांकि सर्च ऑपरेशन में लगी एसडीआरएफ की एक 9 सदस्यीय टीम शनिवार सुबह होमकुंड बेस कैंप पर उतारी गई है. यहां से यह बचाव दल त्रिशूल पर्वत की तरफ पैदल निकलेगा. कमांडेंट एसडीआरएफ नवनीत सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि लापता सभी नेवी ट्रेकर्स एवरेस्ट की चढ़ाई कर चुके अनुभवी पर्वतारोही हैं.

शुक्रवार को नौसेना दल के पांच पर्वतारोही एवलांच में फंसने के बाद लापता बताए गए थे. इनकी तलाश और बचाव के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया था लेकिन शुक्रवार शाम 4 बजे खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर से किए जाने वाले इस ऑपरेशन को रोक दिया गया था. आधिकारिक तौर पर कहा गया था कि शनिवार सुबह फिर इस अभियान को शुरू किया जाएगा.

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नेवी के पांच सदस्यों के साथ ही एक शेरपा समेत कुल छह लोग इस हादसे में लापता हो गए थे. आधिकारिक तौर पर शुक्रवार शाम एक और हिमस्खलन की चेतावनी भी जारी की गई थी. चमोली ज़िले के त्रिशूल पर्वत पर अभियान पर निकले इस दल की खोज के लिए उत्तरकाशी से निकली नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग यानी निम की एक टीम को मौसम खराब होने के चलते जोशीमठ लौटना पड़ा था. निम के साथ ही कई अन्य एजेंसियों की एक संयुक्त टीम बनाकर इस दल को खोजने की कवायद की गई थी.

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न्यूज़18 ने नेवी के ट्रेकिंग अभियान बेस सुतोल गांव, त्रिशूल पर्वत और बचाव अभियान की तस्वीरें आप तक पहुंचाईं.

कैसे त्रिशूल पर्वत पहुंचे पर्वतारोही?
मुंबई से बीते 3​ सितंबर को नौसेना का 20 सदस्यीय दल पर्वतारोहण के लिए रवाना हुआ था. कल शुक्रवार को अंतिम 10 पर्वतारोहियों ने चढ़ाई के अंतिम दौर की शुरुआत की लेकिन एवलांच में फंस गए. नेवी के प्रवक्ता विवेक मधवाल ने कहा कि 10 में से 5 पर्वतारोही सुरक्षित थे. उनके मुताबिक बाकी 5 के बचाव के लिए भारतीय आर्मी, एयरफोर्स और राज्य आपदा रिस्पॉंस फोर्स के साथ मिलकर अभियान शुरू किया गया था.

अभी क्या है अभियान की स्थिति?
मौसम ठीक होने का इंतज़ार किया जा रहा है और इसी बीच सेना की एक टीम गांव सुतोल पहुंच चुकी है, जहां से नेवी के पर्वतारोहियों ने ट्रेकिंग की शुरुआत की थी. न्यूज़18 सुतोल गांव के उस बेस समेत त्रिशूल पर्वत और बचाव अभियान की लाइव तस्वीरें भी आप तक पहुंचा चुका है, जिन्हें आप यहां भी देख सकते हैं.

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