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Aryan Khan Drugs Case: आर्यन खान केस ‘अलग’, कोर्ट ने बताया आखिर 2 लोगों को क्‍यों मिली जमानत?

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Aryan Khan Drugs Case: मुंबई क्रूज शिप में ड्रग्स पार्टी करने के मामले में गिरफ्तार किए गए अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan Drugs Case) मामले की सुनवाई बुधवार तक के लिए स्‍थगित कर दी गई है लेकिन इसी मामले में गिरफ्तार एविन साहू और मनीष राजगरिया को जमानत दे दी गई. मुंबई की विशेष अदालत (Mumbai Special Court) ने दोनों को जमानत देते हुए कहा कि ओडिशा निवासी एविन साहू (Avin Sahu) और मनीष राजगरिया (Manish Rajgari) का मामला आर्यन खान, उनके दोस्‍त अरबाज मर्चेंट और मॉडल मुनमुन धमेचा से काफी अलग है. दोनों को जमानत देने के अपने विस्‍तृत आदेश में कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ किसी भी तरह की साजिश या फिर उकसाने का मामला नहीं बनता है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनके पास से ऐसी कोई भी चीज बरामद नहीं हुई है जिससे पता चले कि वे किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा थे और यही कारण है कि उनके मामले को अन्य लोगों के मामलों से अलग किया जा सकता है.

मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश वैभव पाटिल ने कहा ने कहा प्रतिवादी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) ऐसा कोई भी सबूत पेश करने में विफल रहा है जिससे पता चले कि एविन साहू और मनीष राजगरिया किसी आरोपी के संपर्क में थे या किसी भी तरह से वह सह-आरोपी से जुड़े थे. कोर्ट ने कहा कि केवल दोनों क्रूज पर मौजूद थे इसलिए उन्‍हें आरोपी नहीं बनाया जा सकता है. कोर्ट ने एविन साहू को जमानत याचिका पर 12 पन्नों का आदेश जारी किया है. उन्होंने मनीष राजगरिया को जमानत देने के अपने आदेश में भी ऐसी ही परिस्थितियों का हवाला दिया है.

न्यायाधीश पाटिल ने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 29, जो उकसाने और आपराधिक साजिश के लिए सजा से संबंधित है, ओडिशा के दो निवासियों पर लागू नहीं होता है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसी कोई सामग्री नहीं है कि वर्तमान आवेदक एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है और उसके मामले को अन्य आरोपियों के मामले से अलग किया जा सकता है जिनके खिलाफ साजिश का सबूत है. जैसा कि तर्क दिया गया और रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी को केवल 8C (निषेध, नियंत्रण और विनियम), NDPS अधिनियम के 27A (अवैध तस्करी के वित्तपोषण और अपराधियों को शरण देने के लिए सजा) के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार किया गया है, जिसके लिए एक साल की सजा का प्रावधान है इसलिए एनडीपीएस की धारा 29 उन पर लागू नहीं होती है.

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