अफगानिस्तान में बढ़े बाल विवाह के मामले, दो जून की रोटी के लिए बिक रही हैं मासूम बच्चियां
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नई दिल्ली. यूनिसेफ (UNICEF) की कार्यकारी निदेशक हेनरिएटा फोर ने शनिवार को कहा कि ऐसी खबरें हैं कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान (Afghanistan) में परिवार दहेज के बदले में भविष्य की शादी के लिए 20 दिन तक की बेटियों की पेशकश कर रहे हैं. फोर ने एक बयान में कहा कि हालिया राजनीतिक अस्थिरता से पहले भी, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के सहयोगियों ने अफगानिस्तान के अकेले हेरात और बगदीस प्रांतों में 2018 और 2019 के बीच 183 बाल विवाह और बच्चों की बिक्री के 10 मामले दर्ज किए. इन बच्चों की उम्र छह महीने से 17 साल के बीच थी.
उन्होंने कहा, मैं उन खबरों से बहुत चिंतित हूं कि अफगानिस्तान में बाल विवाह के मामले बढ़ रहे हैं. हमें विश्वसनीय खबरें मिली हैं कि परिवारों ने दहेज के बदले में भविष्य में शादी के लिए 20 दिन तक की बेटियों की पेशकश की है. फोर ने कहा कि इस स्थिति को कोविड -19 महामारी, जारी खाद्य संकट तथा सर्दियों की शुरुआत ने और गंभीर बना दिया है. उन्होंने कहा कि 2020 में, अफगानिस्तान की लगभग आधी आबादी इतनी गरीब थी कि उसके पास बुनियादी पोषण या साफ पानी जैसी चीजों की कमी थी.
फोर ने कहा, अफगानिस्तान में अत्यधिक विकट आर्थिक स्थिति अधिक परिवारों को गरीबी में धकेल रही है और उन्हें बच्चों को काम पर लगाने तथा कम उम्र में लड़कियों की शादी करने जैसे हताश विकल्प चुनने के लिए मजबूर कर रही है.
उन्होंने कहा, चूंकि अधिकतर किशोर लड़कियों को अभी भी वापस स्कूल जाने की अनुमति नहीं है, बाल विवाह का जोखिम अब और भी अधिक है. शिक्षा अक्सर बाल विवाह और बाल श्रम जैसे नकारात्मक तंत्र के खिलाफ सबसे अच्छी सुरक्षा होती है.
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