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गुजरात हाई कोर्ट ने नगरपालिका को लगाई फटकार, कहा- ये आप तय करेंगे कि हमें नॉनवेज खाना चाहिए या नहीं

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अहमदाबाद. गुजरात हाई कोर्ट ने (Gujarat High Court) अहमदाबाद नगर निगम (Ahmedabad Municipal Corporation) को जमकर फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने कहा है कि वो आखिर कैसे तय तक सकते हैं कि हमें नॉनवेज खाना चाहिए या नहीं. बता दें कि 25 रेहड़ी-पटरी वालों ने नगरपालिका के खिलाफ याचिका दायर की है. इन दुकानदारों का कहना है कि नॉनवेज की बिक्री को लेकर पार्षदों ने आपत्तियां जताई थी. जिसके बाद अहमदाबाद नगर निगम ने उनकी गाड़ियां जब्त कर लीं. हाई कोर्ट ने फटकार लगाते हुए मामलों पर जल्द से जल्द विचार करने का निर्देश दिया है.

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने सरकारी वकील को कहा, ‘आपकी समस्या क्या है? आपको मांसाहारी भोजन पसंद नहीं है, ये आपकी दिकक्त है. आप कैसे तय कर सकते हैं कि मैं बाहर क्या खाऊं? कल आप तय करोगे कि मुझे घर के बाहर क्या खाना चाहिए? निगम आयुक्त को बुलाईए और उनसे पूछिए कि वो क्या कर रहे हैं. कल वे कहेंगे कि मुझे गन्ने का रस नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे मधुमेह होता है? या कॉफी नहीं पीनी चाहिए क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए खराब है?’

क्या कहा  रेहड़ी वालों ने
अदालत याचिकाकर्ताओं के वकील रोनित जॉय के दलीलों का जवाब दे रही थी, कि उनकी गाड़ियां बिना किसी आधिकारिक आदेश के जब्त कर ली गई. राज्य के अलावा, सरकारी वकील शहरी आवास और शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. बता दें कि पिछले महीने राजकोट के मेयर ने कहा था कि मांसाहारी भोजन बेचने वाली गाड़ियां धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं.

सरकारी वकील की दलील
वकली छाया ने ने अपनी दलीलों में कहा कि याचिका ‘कुछ गलत धारणा के तहत’ दायर की गई है और ‘सभी मांसाहारी (गाड़ियों) को हटाने के लिए कोई अभियान नहीं है.’ छाया ने कहा कि गाड़ियों को हटाने का कारण ‘सड़क पर अतिक्रमण है, जो सार्वजनिक यातायात में बाधा पैदा कर रही है. सथ ही पैदल चलने वालों को भी दिक्कतें होती है. न्यायमूर्ति वैष्णव ने हालांकि पूछा की कि क्या मांसाहारी वस्तु विक्रेताओं को निशाना बनाने की आड़ में अतिक्रमण हटाने का काम किया जा रहा है.

Tags: Ahemdabad, Gujarat High Court



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