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ओमिक्रॉन से कैसे संक्रमित हुए बेंगलुरु के डॉक्टर, क्या यह तीसरी लहर की शुरुआत है; जानें 5 अहम सवालों के जवाब

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बेंगलुरु. कर्नाटक में पाए गए ओमिक्रॉन (Omicron) के दो मामलों पर चिंता के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने शुक्रवार को कहा कि सार्स-सीओवी-2 के नये स्वरूप ओमिक्रॉन पर मौजूदा टीकों के काम नहीं करने के बारे में कोई साक्ष्य नहीं है, हालांकि कुछ उत्परिवर्तन टीकों के प्रभाव को कम कर सकते हैं. हालांकि, मंत्रालय ने इस बात का जिक्र किया कि नये स्वरूप द्वारा प्रतिरक्षा को चकमा देने के बारे में साक्ष्य का इंतजार है.

कोविड के अधिक संक्रामक स्वरूप बी.1.1.1.529 के बारे में पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को सूचित किया गया था. एनडीटीवी ने राज्य कोविड टास्क फोर्स की जीनोमिक निगरानी समिति के सदस्य डॉ विशाल राव से बात की कि बेंगलुरु के डॉक्टर कैसे संक्रमित हुए होंगे और आगे का रास्ता क्या होगा.

WHO ने ‘ओमिक्रॉन’ को बताया ‘चिंताजनक स्वरूप’
ओमिक्रॉन को कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों में सबसे खतरनाक माना जा रहा है. डब्ल्यूएचओ ने 26 नवंबर को इसे ‘चिंताजनक’ स्वरूप (Variant of Concern) बताते हुए ओमिक्रॉन नाम दिया. ‘चिंताजनक स्वरूप’ डब्ल्यूएचओ की कोरोना वायरस के ज्यादा खतरनाक स्वरूपों की शीर्ष श्रेणी है. कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को भी इसी श्रेणी में रखा गया था.

बातचीत के पांच अहम बिंदू:

इस तथ्य पर कि संक्रमित लोगों में से एक के पास अंतरराष्ट्रीय यात्रा का हालिया इतिहास नहीं था, उन्होंने कहा, “जिस तरह से वायरस आपस में जुड़ रहे हैं, ऐसे संभावित बिंदु हो सकते हैं जहां किसी विदेशी यात्री के साथ किसी तरह की बातचीत हो सकती है.”

इस बात से इंकार करते हुए कि ओमिक्रॉन स्ट्रेन पहले बेंगलुरु में प्रवेश कर सकता था, उन्होंने कहा कि अधिकारी “बहुत, बहुत सतर्क” थे और “कोई रास्ता नहीं है कि हम ओमिक्रॉन को फिर उन्हीं लक्षणों से प्राप्त करें, जैसे अतीत में हुआ है.”

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य में और प्रतिबंध लग सकते हैं, डॉ राव ने कहा कि मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए प्रतिबंध अनिवार्य हो सकते हैं. उन्होंने कहा, कर्नाटक कोरोना केस को एक प्रतिशत से नीचे रखने में कामयाब रहा है और इसे बनाए रखना उनके लिए एक कठिन काम है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन पर कितना निवेश किया जाता है, इन सबके बावजूद पाबंदी का उपाय लागू करना अधिक स्मार्ट और सुरक्षित होगा.”

मामले को बढ़ने से रोकने में नागरिक अहम भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि पूर्णतः पाबंदी “अंतिम उपाय” है. राव ने कहा, “नागरिकों की भूमिका आगे आकर जिम्मेदारी लेने और कोविड-उपयुक्त व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है.”

यह पूछे जाने पर कि क्या यह भारत में कोविड मामलों की तीसरी लहर की शुरुआत हो सकती है, राव ने कहा कि ऐसे कोई संकेत नहीं हैं. उन्होंने कहा, “अभी तक कोई संकेत नहीं है कि यह तीसरी लहर है, लेकिन लोगों के लिए यह एक संकेत है कि युद्ध खत्म नहीं हुआ है. हमें इस समय जीत का कोई दावा नहीं करना चाहिए.”

Tags: Bengaluru, Coronavirus, Karnataka, Omicron, Omicron variant



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