Delhi AQI: गैस चेम्बर बनी दिल्ली में खुद को कैसे रखें सुरक्षित? काम आएंगे ये 5 उपाय
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नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में एक बार फिर सांस लेना मुश्किल हो रहा है. शनिवार सुबह शहर में दिल्ली की हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में थी. कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण पहले ही सीमित हो चुकी दिल्लीवासियों की जीवनशैली और रफ्तार को वायु प्रदूषण (Air Pollution) ने और धीमा कर दिया है. ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) की उप समिति ने कहा है कि 18 नवंबर तक मौसम से जुड़ी स्थिति प्रतिकूल रहेंगी. साथ ही संबंधित एजेंसियों को ‘इमरजेंसी’ कैटेगरी के तहत उपाय करने लिए कहा गया है.
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी वेदर फोरकास्टिंग रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, शनिवार सुबह 7.35 बजे दिल्ली में AQI 499 था. शुक्रवार शाम 4 बजे राजधानी में यह आंकड़ा 471 था. कहा जा रहा है कि खेतों में आग के 4000 से ज्यादा मामलों ने दिल्ली-एनसीआर की हवा को खराब करने में बड़ी भूमिका निभाई है. नौबत यहां तक आ गई है कि लोगों को घर से काम करने की सलाह दी जा रही है. कोरोना के बीच आए मुश्किल के इस नए दौर में आप खुद को इन उपायों से सुरक्षित रख सकते हैं.
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दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के एक विश्लेषण के अनुसार, हर साल एक नवंबर से 15 नवंबर के बीच दिल्ली में लोगों को बेहद दूषित हवा में सांस लेनी पड़ती है. फरीदाबाद (460), गाजियाबाद (486), ग्रेटर नोएडा (478), गुरुग्राम (448) और नोएडा (488) में भी अपराह्न चार बजे गंभीर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई. शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 के बीच में संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 के बीच में बेहद खराब तथा 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है.
वायु प्रदूषण से खुद को ऐसे रखें सुरक्षित
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने लोगों को घरों से बाहर जाने से बचने की शुक्रवार को सलाह दी और सरकारी और निजी कार्यालयों को राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण वाहनों के उपयोग को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया. सीपीसीबी ने कहा, ‘सरकारी और निजी कार्यालयों और अन्य प्रतिष्ठानों को सलाह दी जाती है कि वे वाहन के उपयोग को कम से कम 30 प्रतिशत (घर से काम करके, कार-पूलिंग, बाहरी गतिविधियों को सीमित करके, आदि) तक कम करें.’
सीपीसीबी ने कहा कि कार्यान्वयन एजेंसियों को, उचित स्तर पर की गई कार्रवाइयों की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए और प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और संबंधित समितियों को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए, जो वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और सीपीसीबी को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. (भाषा इनपुट के साथ)
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