मणिपुर: दिसंबर में बेटे के तीसरे बर्थडे में घर आने का किया था वादा, हमले में शहीद हो गया जवान
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इंफाल. मणिपुर (Manipur) में असम राइफल्स (Assam Rifles) के काफिले पर शनिवार को हुए हमले में कर्नल रैंक के अफसर समेत 7 लोगों की मौत हुई है. इसमें असम राइफल्स के जवान सुमन स्वारगिरी भी शामिल हैं. उनके शहीद होने की खबर पाकर परिवार में मातम का माहौल है. परिवार का कहना है कि दिसंबर में उनके बेटे का तीसरा जन्मदिन है. वह इसके लिए दिसंबर में घर आने वाले थे. लेकिन अब उनके शहीद होने की खबर ने परिवार को तोड़ दिया है. परिवार ने यह भी बताया कि हमले से महज 1 घंटे पहले सुमन ने अपनी पत्नी को फोन कर उनसे बात भी की थी.
शहीद सुमन का परिवार असम के बक्सा जिले के थेकेराकुची में रहता है. उन्हें इस हमले में उनके शहीद होने की जानकारी रविवार सुबह मिली है. इसके बाद उनके घर पर मातम का माहौल छा गया है. उनकी पत्नी जूरी का कहना है, ‘सुमन आखिरी बार 8 जुलाई को घर आए थे. वह कुछ दिन रुककर 15 जुलाई को वापस चले गए थे.’ उन्होंने बताया कि हमले से कुछ देर पहले सुबह ही सुमन ने उनको फोन किया था. इस दौरान घर पर हो रहे निर्माण से संबंधित बातचीत की थी. सबके हालचाल जाने थे.
उन्होंने बताया, ‘मैंने उनसे कहा था कि जब आप दिसंबर में घर आएंगे तब हम इस बारे में पूरी बातें करेंगे. उन्होंने मुझसे वादा किया था कि वह दिसंबर में अपने बेटे के तीसरे जन्मदिन पर घर आएंगे. इसे बाद फोन कट गया था और उन्होंने कहा था कि ड्यूटी से लौट रहे हैं और बाद में बात करेंगे.’
जूरी ने कहा, ‘हालांकि इसके बाद वह कभी नहीं लौटे और शाम तक मुझे चिंता होने लगी थी. इसके बाद असम राइफल्स ने मुझे जानकारी दी कि सुमन घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती हैं.’ सुमन ने 2011 में सेना को ज्वाइन किया था. इसके चार साल पहले 2007 में उनके पिता की उग्रवादियों ने घर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी. वह स्थानीय पीस पार्टी के सदस्य थे.
शहीद सुमन के रिश्तेदार ने बताया, ‘पिता की मौत के बाद सुमन ही परिवार की एकलौती आशा थे. मैंने दिहाड़ी मजदूरी करके उसे और दो बहनों को पाला है. अब उसके साथ भी पिता जैसी घटना हुई है. उसके बाद हमारा ध्यान रखने वाला कोई नहीं है.’
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