ओमिक्रॉन के कम गंभीर होने की उम्मीद, दूसरी लहर से मिली सीख भारत के लिए होगी मददगार: सरकारी रिपोर्ट
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नई दिल्ली. कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट का आर्थिक प्रभाव भारत में कम गंभीर होने की उम्मीद है, लेकिन लोगों को हर संभव सावधानी बरतनी चाहिए. वित्त मंत्रालय ने एक हालिया रिपोर्ट में यह बात कही है. अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत 2020-21 के कोविड-19 की वजह से आई आर्थिक सिकुड़न से मजबूती से उबरने के मामले में दुनिया की चुनिंदा अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि डेल्टा की तुलना में कथित तौर पर अधिक संक्रामक माने जा रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट का आर्थिक प्रभाव टीकाकरण की बढ़ती गति के कारण कम गंभीर होने की उम्मीद है. फिलहाल, देश में 86.2 प्रतिशत वयस्कों को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक मिल चुकी है, वहीं 53.5 प्रतिशत को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं.
रिपोर्ट में चेतावनी के साथ हिदायत भी
हालांकि, रिपोर्ट ने चेतावनी दी कि अर्थव्यवस्था में हो रहे निरंतर सुधार के लिए ओमिक्रॉन एक चुनौती बन सकता है. इसके साथ ही कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. देश के 19 जिलों में कोविड-19 की साप्ताहिक संक्रमण दर पांच से 10 प्रतिशत के बीच है, जबकि तीन राज्यों के आठ जिलों में यह दर 10 प्रतिशत से अधिक है.
‘कोविड से उत्पन्न भविष्य के खतरों से निपटने के लिए भारत तैयार’
रिपोर्ट में कहा गया कि तेजी से बढ़ते टीकाकरण और दूसरी लहर से सीखे गए सबक के साथ, भारत कोविड द्वारा उत्पन्न भविष्य के खतरों से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है. इसने कहा, “दूसरी लहर के दौरान सीखे गए सबक भारत को नए वेरिएंट से लड़ने में मदद करेंगे. साथ ही, भारत में टीकाकरण की तेज गति और डेल्टा वेरिएंट के उच्च जोखिम को देखते हुए, जैसा कि उच्च सीरो पॉजिटिविटी से प्रमाणित है, बीमारी की गंभीरता कम होने का अनुमान है.”
‘अपनी सुरक्षा में कोताही बिल्कुल ना बरतें’
मंत्रालय ने कहा कि लोगों को चाहिए कि वे अपनी सुरक्षा को बिल्कुल भी कम ना करें और उन्हें मास्क पहनना, टीका लगवाना और सार्वजनिक रूप से सामाजिक दूरियों के मानदंडों का पालन करना जारी रखना चाहिए. रिपोर्ट कहती है, “… आगे जाकर, टेस्टिंग के साथ-साथ कोविड-19 उचित व्यवहार को अपनाना और उसका पालन करना देश को एक और लहर एवं उसके बाद के प्रतिबंधों से बचाने के लिए बेहद अहम होगा, जो कोरोना की वजह से सुस्त पड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था के फिर से उभरने की कहानी के लिए जोखिम पैदा कर सकता है.”
हाल ही में टीकाकरण दर में वृद्धि के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों का अनुपालन घटने के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक हालिया विश्लेषण का हवाला देते हुए अधिकारियों ने मास्क पहनने की गिरावट की प्रवृत्ति के बारे में आगाह किया. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने ‘इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स’ के एक विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा कि देश में मास्क का इस्तेमाल दूसरी लहर से पहले के स्तर तक कम हो गया है. उन्होंने कहा, “एक तरह से हम फिर से एक खतरे के क्षेत्र में प्रवेश कर गए हैं. सुरक्षा क्षमता की दृष्टि से, हम अब निम्न स्तर पर, जोखिम भरे और अस्वीकार्य स्तर पर काम कर रहे हैं. हमें यह याद रखना होगा कि टीके और मास्क दोनों ही महत्वपूर्ण हैं.”
(इनपुट भाषा से भी)
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Tags: Coronavirus, Omicron, Omicron variant
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