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संविधान दिवस पर बच्चों ने भी किया संविधान का पाठ, जानें अधिकार और कर्तव्य

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नई दिल्‍ली. देश की राजधानी दिल्ली में संविधान दिवस ( Constitution Day) पर जब महामहिम राष्ट्रपति, संसद को संबोधित कर रहे थे, उसी समय संसद से महज कुछ किमी दूर एंबेसी एरिया चाणक्यपुरी स्थित स्लम बस्ती संजय कैंप की 12 साल की अस्मां ने बस्ती के बच्चों को संविधान (Constitution of India)  की प्रस्तावना का पाठ कराया. कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन द्वारा संचालित बाल मित्र मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आस्मां ने उन्हें उनके कर्तव्य और अधिकार की शपथ भी दिलाई. अस्मां बच्चों की चुनी हुई बाल परिषद की उपाध्यक्ष हैं. इस अवसर पर नन्ही अस्मां ने शिक्षा के अधिकार की बात करते हुए कहा कि हममें से बहुत से बच्चे स्कूल से कोसो दूर थे और मजदूरी करते थे. आज वे स्कूल जा रहे हैं. यह इस संविधान की देन है. इसलिए हमने शपथ ली कि हम अपने अधिकार हासिल करेंगे और कर्तव्यों का पालन करेंगे. संजय कैंप में कभी बाल मजदूरों की बहुतायत थी, अब वे काम छोड़ कर स्कूल जा रहे हैं .

कैलाश सत्यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन (केएससीएफ) ने बताया कि सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर संस्‍था ने देशभर के 20 राज्‍यों के 478 जिलों में सरकार और प्रशासन के साथ मिलकर 8 लाख से अधिक जगहों पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए. उन्‍होंने बताया कि संविधान दिवस के अवसर पर किसी भी गैर-सरकारी संगठन द्वारा पहली बार इतने अधिक बच्‍चों तक पहुंचा गया. दूसरी ओर इतने बड़े पैमाने पर दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले वंचित से लेकर विशेषाधिकार सम्‍पन्‍न बच्‍चों तक को संविधान की प्रस्तावना का पहली बार एक साथ मिल कर पाठ कराया गया. केएससीएफ द्वारा बच्चों के संविधान पाठ के इस कार्यक्रम का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली, राज्य मुख्यालय और जिला से लेकर गांव स्तर तक आयोजित किया गया. इसमें बड़े पैमाने पर दूर दराज के अति पिछड़े इलाके में रहने वाले बच्चों से लेकर आदिवासी, वंचित और हाशिए के बच्चे भी शामिल हुए. बच्‍चों को भारतीय संविधान में उल्लिखित अधिकारों, कर्तव्‍यों और उनकी मुख्‍य विशेषताओं से भी अवगत कराया गया.

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भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. वर्ष 1949 में 26 नवंबर को संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को स्‍वीकार किया गया, जो 26 जनवरी 1950 से प्रभाव में आया. भारत सरकार आजादी के 75 साल पूरे होने पर साल भर तक अमृत महोत्सव मना रही है. जिसके दौरान इस बार संविधान दिवस को बड़े पैमाने पर मनाया गया. कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन ने भी सरकार के साथ मिलकर संविधान दिवस मनाया और इतिहास रचा.

कार्यक्रम में बच्चों की ऐतिहासिक भागीदारी पर कैलाश सत्यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी शरद चंद्र सिन्‍हा ने कहा कि हमें यह जानकर खुशी हो रही है कि हमारे सहयोग से विभिन्न पृष्ठभूमि के गरीब और हाशिए के बच्चों ने संविधान दिवस पर हमारे संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. निचली कक्षाओं में पढ़ने वाले जो बच्चे खुद नहीं पढ़ सकते थे, उन्हें भी संविधान का पाठ पढ़ाया गया. कार्यक्रम बच्चों में संविधान में निहित न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल्यों को स्थापित करने और उन्हें उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया गया. नई पीढ़ी को इस बात से अवगत कराया गया कि देश की एकता, अखंडता और गरिमा की हर हाल में रक्षा करनी है.

Tags: Constitution Day, Constitution of India



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