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पवार ने केंद्र को दी सलाह- सीमावर्ती राज्य पंजाब के किसानों को परेशान मत कीजिए :

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पुणे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध से संवेदनशीलता के साथ निपटना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि अधिकतर प्रदर्शनकारी पंजाब से हैं, जो एक सीमावर्ती राज्य है. उन्होंने कहा कि विगत में पंजाब को अशान्त करने की कीमत देश भुगत चुका है. वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की खालिस्तानी आतंकवाद के दौरान हत्या का जिक्र कर रहे थे. पवार पिंपरी में संवाददाताओं को दिल्ली की सीमाओं पर कई महीने से चल रहे किसान आंदोलन से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे. वह केंद्रीय रक्षा एवं कृषि मंत्री भी रह चुके हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं वहां (प्रदर्शन स्थल पर) दो- तीन बार गया. केंद्र सरकार का रुख तार्किक नहीं लगता है.’’पवार ने कहा कि आंदोलन में हिस्सा ले रहे लोग हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर पंजाब के हैं. उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार को मेरी सलाह है कि पंजाब के किसानों को परेशान मत कीजिए, यह सीमावर्ती राज्य है. अगर हम सीमावर्ती क्षेत्रों के किसानों और लोगों को परेशान करते हैं, तो उसके अलग परिणाम होंगे.’’

राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारे देश ने पंजाब को अशान्त करने की कीमत चुकाई है, यहां तक कि (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी को अपनी जान गंवानी पड़ी. दूसरी तरफ पंजाब के किसान चाहे वे सिख हों या हिंदू, उन्होंने खाद्य आपूर्ति में भागीदारी निभाई है.’’

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाके के लोगों को सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है, जो महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रहने वाले लोगों को नहीं करना पड़ता.

पवार ने कहा, ‘‘इसलिए जो लोग कुर्बानी देते हैं वे लंबे समय से कुछ मांगों को लेकर विरोध में बैठे हैं और देश को चाहिए कि उनकी तरफ ध्यान दिया जाए.’’

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