कोवैक्सिन, कोविशील्ड और ZyCoV-D टीकों की शेल्फ लाइफ को मंजूरी, जानें हेल्थ मिनिस्टर क्या बोले
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नई दिल्ली. कोवैक्सिन (Covaxin), कोविशील्ड (Covishield) और ZyCoV-D वैक्सीन की शेल्फ लाइफ (सुरक्षित रहने की अवधि) को मंजूरी दे दी गई है. केंद्रीय औषधि मानक संगठन (सीडीएसओ) ने निर्माण की तारीख से कोविड-19 टीकों कोवैक्सिन के शेल्फ जीवन को 12 महीने, कोविशील्ड को नौ महीने और ज़ीसीओवी-डी को छह महीने करने को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने कहा कि बूस्टर खुराक (Booster Dose) के बारे में विचार हो रहा है. इस टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) और कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर बने राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) के संबंधित वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री से देश में स्वीकृत कोविड टीकों की शेल्फ लाइफ और टीका लगाए गए लोगों के बीच उनकी सक्रिय अवधि पर एक सवाल पूछा गया था.
मंडाविया ने एक लिखित उत्तर में कहा कि टीके हाल ही में विकसित किए गए थे, इसकी सुरक्षा अवधि को लेकर दुनिया भर में वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं. मंडाविया ने कहा कि नेशनल रेगुलेटर यानी सीडीएसओ ने कोविशील्ड वैक्सीन के लिए नौ महीने की शेल्फ लाइफ को मंजूरी दी है, कोवैक्सिन वैक्सीन के लिए यह 12 महीने है और ZyCoV-D वैक्सीन के लिए यह निर्माण की तारीख से छह महीने है. मंडाविया ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में COVID-19 वैक्सीन स्टॉक की बारीकी से निगरानी करती है ताकि इनका अधिकतम उपयोग हो सके. वहीं, COVID-19 वैक्सीन स्टॉक जिसका निजी अस्पतालों में उपयोग नहीं किया गया है और उनकी एक्सपायरी डेट करीब आ रही है, ऐसे वैक्सीन को संबंधित राज्य सरकारों ने वापस ले लिया है. राज्य सरकारें ऐसे वैक्सीन का फिर से वितरण कर रही हैं ताकि उनका समय से उपयोग हो जाए. इस संबंध में केंद्र सरकार ने भी सलाह दी हुई है.
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सरकार के उठाए गए कदमों की दी जानकारी
कोविड टीकों और बूस्टर खुराक के पर्याप्त उत्पादन और आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और इस पर आवंटित और वितरित किए गए कुल खर्च के बारे में जानकारी देते हुए मंडाविया ने कहा कि ‘मिशन कोविड सुरक्षा’ के तहत जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) द्वारा कार्य किया जा रहा है. यह जैव प्रौद्योगिकी विभाग का एक सार्वजनिक उपक्रम है. इससे भारतीय उद्योग की COVID-19 वैक्सीन निर्माण क्षमताओं को मजबूत करने के प्रयास किए गए हैं, ताकि उनका अधिकतम उपयोग हो सके. इसके तहत भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) और इंडियन इम्यूनोलॉजिकल लिमिटेड (IIL), हैदराबाद में विनिर्माण सुविधाओं में बढ़ोतरी का समर्थन किया गया था. उन्होंने कहा कि मिशन के तहत आईआईएल ने कोवैक्सिन के लगभग 20 लाख खुराक/माह समकक्ष ड्रग सब्सटेंस (डीएस) की उत्पादन क्षमता हासिल की है. इसी तरह बेंगलुरु में बीबीआईएल सुविधा का सत्यापन पूरा हो गया है और डीएस का उत्पादन अगस्त 2021 में शुरू हो गया है.
कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का बजट
मंडाविया ने कहा कि संवर्धित कोवैक्सिन उत्पादन के लिए सुविधा उन्नयन के लिए 260 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जिसमें से अब तक 27.25 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है. चालू वित्त वर्ष यानी 2021-22 में कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. उन्होंने कहा कि 27 नवंबर की स्थिति के अनुसार, इस आवंटन पर 19,675.46 करोड़ रुपये का खर्च किया गया है, जिसका उपयोग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त आपूर्ति के लिए COVID-19 टीकों की खरीद के लिए किया गया है.
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Tags: Booster Dose, Covaxin, Covishield, Health Minister Mansukh Mandaviya, Zycov-D
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