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भारत में दिसंबर तक लॉन्च होगी स्पुतनिक लाइट कोविड वैक्सीन, भारत पहले ही मिल चुकी है निर्यात की अनुमति

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नई दिल्‍ली.  रूस में बनी स्पुतनिक लाइट कोविड -19 वैक्सीन (Sputnik Light Vaccine) दिसंबर तक भारत (India)  में लॉन्च की जाएगी. यह जानकारी न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के सीईओ किरिल दिमित्रीव के हवाले से दी है. इसमें कहा गया है कि एक डोज वाली स्पुतनिक लाइट वैक्सीन क्लिनिकल परीक्षण के बीच में है. इस महीने के अंत में परीक्षण के नतीजाें के साथ इसे डीसीजीआई (DCGI) को सौंप दिया जाएगा, फिर अनुमति का इंतजार होगा.  उसके बाद दिसंबर में इसे लांंच किया जाएगा. हालांकि भारत ने भी 10 अक्टूबर को कोविड-19 रोधी टीके स्पुतनिक लाइट के निर्यात की अनुमति दे दी थी.

मालूम हो कि भारत में, हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, आरडीआईएफ के साथ एक समझौते के तहत स्पुतनिक वी का एकमात्र वितरक है. रूस ने पहले ही कहा है कि स्पुतनिक लाइट वैक्सीन टीकाकरण के तीन महीने बाद से डेल्टा वेरिएंट पर करीब 70 फीसदी तक असर दिखाती है. इससे पहले जानकारी में बताया गया था कि कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में आ चुके लोगों पर रूस की एक डोज वाली स्पुतनिक लाइट वैक्सीन ज्यादा सुरक्षित और अच्छी इम्युनिटी देने वाली साबित हुई है.

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सिंगल डोज वैक्सीन पहले ही स्टडी के अंतिम चरण में 

लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल्स के नतीजों में यह बात सामने आई थी. पिछले साल लॉन्च हुई दो डोज वाली स्पुतनिक V वैक्सीन का हल्का रूप मानी जा रही यह सिंगल डोज वैक्सीन पहले ही स्टडी के अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और रूस में इसका काफी इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन पश्चिम की एक पत्रिका में इसके शुरुआती चरण के नतीजों का प्रकाशित होना एक तरह से मील का पत्थर है, क्योंकि रूस स्पुतनिक लाइट वैक्सीन को निर्यात के लिए अपना मुख्य टीका बनाने की ओर बढ़ रहा है.

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गमालेया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की साइड इफेक्ट्स पर नजर 

वैक्सीन निर्माता गमालेया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक सेंट पीटर्सबर्ग में 18-59 साल के 110 वॉलंटियर्स के इम्यून सिस्टम और जरूरी साइड इफेक्ट्स पर नजर रख रहे हैं. इन्हें जनवरी 2021 में वैक्सीन लगाई गई थी. नतीजों में पाया गया कि इसने कोरोनावायरस के असली वेरिएंट पर तेजी से काम किया लेकिन महामारी के अल्फा और बीटा संस्करण पर काम करने की रफ्तार थोड़ी सुस्त नजर आई.

संक्रमण के बाद वैक्सीनेशन के लिए असरदार

स्टडी में कहा गया था कि स्पुतनिक लाइट को न सिर्फ प्राथमिक टीके बल्कि पहले कोविड-19 संक्रमण के बाद वैक्सीनेशन के लिए असरदार माना गया है. द लैंसेट और गमालेया में 6,000 प्रतिभागियों के साथ एक अंतरराष्ट्रीय और प्लेसबो-नियंत्रित चरण III के अध्ययन के प्रकाशित परीक्षणों के परिणामों के आधार पर स्पुतनिक लाइट को 6 मई को रूस में नैदानिक ​​उपयोग के लिए मंजूरी दी गई थी.

Tags: Coronavirus, DCGI, India, Sputnik Light Vaccine



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