टॉप वायरोलॉजिस्ट ने कहा- केंद्र की घोषणा से 2 दिन पहले ही कर्नाटक में चल गया था ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता
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नई दिल्ली. भारत ने आधिकारिक घोषणा से दो दिन पहले ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के पहले मामलों का पता लगा लिया था. News18.com को यह जानकारी कर्नाटक (Omicron In Karnataka) में SARS-CoV-2 की जीनोमिक पुष्टि के लिए शीर्ष वायरोलॉजिस्ट और नोडल अधिकारी ने दी है. राज्य में जीनोमिक सिक्वेंसिंग की निगरानी कर रहे डॉ वी रवि ने News18.com को बताया ‘राज्य और केंद्र स्तर पर सभी विशेषज्ञों द्वारा रिपोर्ट सत्यापित किए जाने के बाद मामले पाए जाने की घोषणा की गई थी. कर्नाटक ने 30 नवंबर को इस नए वेरिएंट का पता लगाया था और घोषणा 2 दिसंबर को हुई थी. मुद्दे की संवेदनशीलता के चलते राज्यों को ऐसी घोषणा करने की अनुमति नहीं है.’ बता दें केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2 दिसंबर को कर्नाटक में ओमिक्रॉन वेरिएंट के देश के पहले दो मामलों के पाए जाने की घोषणा की थी. जिसके बाद महाराष्ट्र और गुजरात में शनिवार को दो नए मामले पाए गए थे.
रवि ने कहा ‘कर्नाटक में ही कोविड के अल्फा स्ट्रेन का सबसे पहले पता लगा था. जब तक केंद्र ने ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले पाए जाने की घोषणा की, तब तक हम अलर्ट हो चुके थे और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी सभी अहम कार्यवाही शुरू कर दी गई थी.’ केंद्र ने गुरुवार को कहा था कि राज्य में दो मामलों सामने आए हैं जिनमें से एक 46 वर्षीय पुरुष है जिसकी ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं है. हालांकि डॉ रवि ने संभावित सामुदायिक प्रसारण की संभावना से इनकार किया.
रवि ने कहा, ‘पहली लहर के दौरान, हमें एक फार्मा कंपनी में कोविड के कई मामले मिले, जहां रोगी संक्रमित पाए जाने के एक महीने पहले तक किसी विदेशी नागरिक या ऐसे शख्स ने नहीं मिले थे जिसकी कोई ट्रैवेल हिस्ट्री रही हो.’ इसी तरह इस मामले में भी संक्रमित की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है और न ही वह किसी संभावित संक्रमित से मिला है. उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि वह विदेशी नागरिक से मिलने वाले शख्स से मिले हों.’
उन्होंने कहा कि जब हमें ओमिक्रॉन से संक्रमित कई मामले एक साथ मिलें तब हम इसे सामुदायिक प्रसार कह सकते हैं लेकिन सिर्फ किसी एक शख्स के संक्रमित होने से ऐसा कुछ कहना जल्दीबाजी होगी. डॉ रवि ने ‘राजनीतिक और धार्मिक सभाओं’ को नियंत्रित करने पर भी जोर दिया. भारत में तीसरी कोविड -19 लहर को रोकने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना ही एकमात्र तरीका है.
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