नशे पर शिकंजा: जेलों से चल रहे ड्रग्स कारोबार का पर्दाफाश, कोरियर से नशा बेचने वाली दो बहनें भी अरेस्ट
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देहरादून. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में बढ़ रहे नशे के अवैध कारोबार को रोकने के लिए डीजीपी अशोक कुमार को सख्त निर्देश दिए थे. इसके बाद राज्य की पुलिस ने दो बड़ी कार्रवाइयों को अंजाम दिया तो राज्य की जेलों में बन्द बदमाशों द्वारा जेलों से ही नशे का कारोबार चलाने का खुलासा हुआ. STF ने जगह जगह रेड मारकर इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ किया. तो दूसरी तरफ देहरादून पुलिस ने कोरियर सर्विस की आड़ में नशे का कारोबार चला रही दो सगी बहनों को पटेल नगर पुलिस ने नशीली गोलियां और चरस के साथ अरेस्ट किया. पटेल नगर कोतवाल देवेंद्र चौहान का कहना है कि दोनों से पुलिस पूछताछ कर रही है कि कहां से वो नशे का सामान खरीदती थीं और किन-किन लोगों को कोरियर करती थीं. साथ ही, पुलिस दोनों के अकाउंट भी खंगाल रही है, जिससे कोई और बड़ी लीड पुलिस के हाथ लग सके.
इसके बाद राजधानी की पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान छेड़कर मुखबिर की सूचना पर मंगलवार की देर रात आईएसबीटी के पास दो लड़कियों की तलाशी ली, जिनकी गाड़ी से नशे की 320 गोलियां ओर 150 ग्राम चरस बरामद हुई. पुलिस की पूछताछ से पता चला कि दोनों आरोपी सगी बहने हैं और उत्तरकाशी ज़िले की रहने वाली हैं, जो कि देहरादून में पढ़ाई के साथ कोरियर का भी काम करती हैं. रिस्पना पुल पर दुकान चलाने वाली दोनों बहनों ने बताया कि पैसे कमाने के चक्कर में वो कोरियर की आड़ में चरस और नशे की दवाइयां ग्राहकों को देती थीं. लड़कियां होने के कारण उन पर शक की आशंका कम रहती थी, इसी का फायदा उठाकर दोनों नशे का व्यापार कर रही थीं.

कोरियर की आड़ में ड्रग्स डिलीवरी करने वाली दो बहनों को उत्तराखंड पुलिस ने अरेस्ट किया.
अल्मोड़ा की जेल से मिली नशे की खेप, 5 अरेस्ट
राज्य में लंबे समय से नशे से लड़ रही पुलिस और STF को सूचना मिली थी कि प्रदेश में नशा जेल से ही ऑपरेट हो रहा है. STF ने अल्मोड़ा जेल के साथ 6 ठिकानों समेत देहरादून, पौड़ी, कोटद्वार, ऋषिकेश में छापे मारे, जिसमें जेल से पैसे, मोबाइल फोन और अन्य ठिकानों पर रेड के दौरान नशे की बड़ी खेप मिली. दीपक तिवारी, सन्तोष, भास्कर, सन्तोषी और मनीष बिष्ट को अरेस्ट किया गया है. ये सभी जेल में बन्द हत्या के जुर्म में सजा काट रहे महिपाल और साथी अंकित बिष्ट के लिए काम कर रहे थे.
असल में, ये लोग जेल से छूटे लोगों का गिरोह बनाते थे ओर जेल से ही मोबाइल के ज़रिये नशे का कारोबार करवाते थे. बताया जा रहा है कि इस पूरे गैंग में बस कंडक्टर और ब्लड बैंक पौड़ी में कार्यरत कर्मचारी भी शामिल हैं. वहीं मामले में एसपी एसटीएफ चंद्रमोहन सिंह का कहना है कि जेलों पर लगातार कार्रवाई चल रही है और गैंग से जुड़े कई लोग अब भी फरार हैं.

जेल से ड्रग्स कारोबार का खुलासा करते हुए पुलिस ने कई आरोपियों का गिरफ्तार किया.
आपको बतादें की कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने राज्य में ड्रग्स के फैलते जाल को रोकने के लिए डीजीपी अशोक कुमार को सख्त आदेश जारी किए थे. वहीं, डीजीपी का कहना है कि नशे से जुड़े बड़े अपराधियों की प्रॉपर्टी भी ज़ब्त की जाएगी.
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