UK Chunav: प्रियंका गांधी के UP में दिए नारे का उत्तराखंड में असर, महिलाएं किस दमदारी से मांग रही हैं टिकट?
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चंदन बंगारी
रुद्रपुर. इस बार विधानसभा चुनाव के लिए जब तक उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित नहीं हो जाती, कांग्रेस और बीजेपी के खेमों में टिकट के दावेदारों की धमक सुनाई देने वाली है. बागेश्वर ज़िले की दो विधानसभा सीटों पर दावेदारों की संख्या से जहां बीजेपी का सिरदर्द बढ़ चुका है, वहीं रुद्रप्रयाग जैसी सीट से कांग्रेस में आधा दर्जन चेहरे सामने आ चुके हैं. अब तराई में महिला दावेदार सुर्खियों में बनी हुई हैं. खास तौर से उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों के चलते जबसे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में 40 फीसद टिकट महिलाओं को देने का ऐलान और ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ नारा दिया है, तबसे उत्तराखंड में महिला नेताओं हौसले भी बुलंद हो गए हैं.
तराई की रुद्रपुर, गदरपुर, बाजपुर, काशीपुर और सितारगंज विधानसभा सीटों से महिलाएं मज़बूत दावेदारी कर रही हैं. टिकट की आस में उनका जनसंपर्क अभियान भी तेज़ी से चल रहा है. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने ज़िले में दो सीटों पर महिला प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था. इस बार भी माना जा रहा है कि कम से कम दो सीटों से पार्टी महिलाओं को टिकट दे सकती है. इधर टिकट के लिए ताल ठोक रही महिला दावेदारों का कहना है कि पार्टी की मज़बूती के लिए महिलाएं मेहनत करती हैं इसलिए टिकट पर उनका भी हक है. देखिए किस सीट पर दावेदारी को लेकर क्या माहौल है.
किस सीट से कितनी महिलाएं रेस में?
काशीपुर सीट से : पूर्व दर्जा मंत्री इंदुमान, मुक्ता सिंह, अलका पाल दावेदार हैं.
रुद्रपुर सीट से : पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा, एडवोकेट प्रेमलता सिंह दावेदारी कर रही हैं.
सितारगंज सीट से : पिछला चुनाव हारी मालती विश्वास, मंजू तिवारी टिकट मांग रही हैं.
गदरपुर सीट से : सबसे ज़्यादा महिला दावेदार हैं. सोशल मीडिया आईटी प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष शिल्पी अरोरा, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रीना कपूर, जिला पंचायत सदस्य सुमन सिंह, प्रदेश सचिव सुरेशी शर्मा, प्रदेश महामंत्री ममता हालदार टिकट की दौड़ में हैं.
रुद्रपुर में एक महिला नेता ने प्रियंका गांधी के नारे से जोड़कर अपने पोस्टर लगवाए.
बाजपुर सीट पर खास हुआ समीकरण
पिछले चुनाव में हार का सामना कर चुकी सुनीता टम्टा बाजवा इस बार मज़बूत दावेदारी पेश कर रही हैं. इसकी बड़ी वजह है यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी. वास्तव में, भाजपा सरकार में मंत्री पद छोड़कर आर्य कांग्रेस में लौटे, लेकिन भाजपा सरकार के दौरान यहां किसान आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा और माना जा रहा है कि आर्य को अपनी इस सीट पर नुकसान हो चुका है. आंदोलन के दौरान किसानों के साथ सुनीता ने अपनी स्थिति मज़बूत कर ली है. अब कांग्रेस के सामने यह सीट बड़ी पसोपेश बन चुकी है.
किस आधार पर टिकट मांग रही हैं महिलाएं?
गदरपुर और सितारगंज सीट से महिला होने के नाते ही नहीं, बल्कि बंगाली होने के नाते भी टिकट की मांग महिलाएं कर रही हैं. प्रियंका गांधी के नारे से उत्साहित ममता हालदार ने गदरपुर से टिकट मांगने को लेकर कहा, ‘महिलाएं संगठन के लिए पूरी ताकत से काम करती हैं. मैंने पिछले दो चुनावों में टिकट मांगा था, मगर नहीं मिल सका. इस बार पूरी उम्मीद है.’ बाजपुर सीट के टिकट मांग रही सुनीता टम्टा बाजवा ने भी माना कि प्रियंका गांधी के नारे से महिलाओं में नई ऊर्जा है. वहीं, रुद्रपुर से दावेदारी कर रहीं मीना शर्मा ने कहा कि वह नगर पालिका की अध्यक्ष रह चुकी हैं और उनकी दावेदारी को खारिज नहीं किया जा सकता.
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Tags: Priyanka gandhi, Uttarakhand Assembly Election 2022, Uttarakhand Congress, Uttarakhand news, Uttarakhand politics
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