UK Election : कांग्रेस की बैठक में ज़बरदस्त हंगामा, जूते चप्पल चले… तस्वीरों के बावजूद पार्टी ने कहा कुछ नहीं हुआ
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पौड़ी. राज्य में सियासी दंगल 2022 सुर्खियां लगातार बटोर रहा है. एक तरफ प्रमुख विरोधी पार्टियां एक दूसरे की खींचतान के कारण खबरों में बनी हुई हैं तो दूसरी तरफ प्रमुख पार्टियों के भीतर गुटबाज़ी उभरकर सामने आ रही है. राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के भीतर की कलह पौड़ी गढ़वाल ज़िले में एक कार्यक्रम में सामने आई, जब कार्यकर्ताओं के बीच जूते चप्पल चलने तक की नौबत बन गई. हालांकि कांग्रेस के ज़िम्मेदारी नेताओं ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया लेकिन तस्वीरों ने साफ तौर खुलासा कर दिया कि हकीकत क्या बनी. इधर, एक कांग्रेसी नेता ने इस हंगामे को कांग्रेस के कार्यक्रम में ‘बाहरी तत्वों’ की हरकत करार दिया.
महिला कार्यकर्ताओं से अभद्रता का मामला!
चुनाव में भाजपा से निपटने के लिए कार्यकर्ता और बूथ स्तर पर पार्टी को मज़बूत करने की कवायद में कांग्रेस के भीतर कलह का नज़ारा दिखा. पौड़ी में कांग्रेस बैठक के दौरान आपस में भिड़े कार्यकर्ताओं में न केवल मारपीट हुई, बल्कि जूते चप्पल भी चलते दिखाई दिए. खेमों में बंटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी और हंगामे के दौरान हुए घटनाक्रम के पीछे महिला कार्यकर्ताओं पर अभद्र टिप्पणियों को बताया जा रहा है. पार्टी संगठन की बैठक लेने पहुंचे प्रदेश उपाध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिंद्रा ने ऐसा होने से इनकार तो किया, लेकिन स्क्रीन पर दिखते दृश्य उनकी बात को झुठलाते नज़र आए.
कांग्रेस की बैठक में हंगामे के दौरान महिला कार्यकर्ता चप्पल फेंकती दिखीं.
ज़िम्मेदारों ने कैसे किया घटना से इनकार?
बिंद्रा ने कांग्रेस की समीक्षा बैठक में हुई हाथापाई और जूतमपैजार से साफ इनकार करते हुए कहा कि यह आरोप गलत है, ऐसा कुछ नहीं हुआ. कार्यकर्ताओं ने जोश के साथ अपनी बात रखी और यह पार्टी का अंदरूनी मामला है, जिसे सुलझा लिया गया. जब जोश होता है तो सुर ऊंचे नीचे हो ही जाते हैं. वहीं, कांग्रेस के तामेश्वर आर्य ने कहा कि जिन लोगों ने हंगामा किया, वो कांग्रेस के पदाधिकारी नहीं हैं. ये लोग पहले भी कांग्रेस के कार्यक्रम में व्यवधान डालने के लिए हथकंडे अपनाते रहे हैं.
आखिर क्या था पूरा मामला?
पौड़ी ज़िला मुख्यालय में कांग्रेस ने आगामी चुनाव की तैयारियों के संबंध में पार्टी के अंदरूनी मामलों पर चर्चा करने के लिए इस बैठक का आयोजन किया था. कथित तौर पर यहां महिला कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र टिप्पणी हुई. इसके बाद महिलाओं ने ऐतराज़ जताया और बात हाथापाई तक जा पहुंची. कुछ महिला कार्यकर्ता चप्पल निकालकर फेंकती हुई भी तस्वीरों में दिखीं. इसके बाद यह पूरा कार्यक्रम इसी हंगामे के लिए सुर्खियों में आ गया.
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत बिंद्रा ने असहमति को सुलझा लेने की बात कही.
पौड़ी में ज़िला कांग्रेस कमेटी की समीक्षा बैठक में शुक्रवार को हंगामे से इतर बिंद्रा ने बूथ स्तरीय समीक्षा की. बताया जाता है कि जिलाध्यक्ष पद पर काफी समय से बदलाव न होना भी कार्यकर्ताओं के हंगामे का कारण बना. हंगामे को रोकने के लिए बिंद्रा को कार्यकर्ताओं से बारी बारी से बातचीत करना पड़ी. इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने कहा कि नाराज़ कार्यकर्ताओं को मना लिया गया.
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