उत्तराखंड। तो चुनावी रण में कौन है हरदा के कृष्ण और युधिष्ठर
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देहरादून। विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है चुनावी दल उतनी ही तेजी से चुनावी प्रचार प्रसार में लगे है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत फिर से लाल कुआं विधानसभा में अपने इलेक्शन कैंपेन में जुट गए हैं। लाल कुआं पहुंचते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया, साथ ही हरीश रावत ने कहा कि इस बार लोकतांत्रिक महाभारत में हरीश रावत भाजपा के चक्रव्यूह में अभिमन्यु की तरह नहीं बल्कि अर्जुन की तरह लड़ेंगे और पांडवों की विजय होगी।
हरदा ने कहा कि लोकतांत्रिक महाभारत में कुछ दिन का युद्ध हो चुका है। कौरव पक्ष मेरे ही कुछ अपनों की ज़िद के कारण और समझ के दूषितपन के कारण कौरव पक्ष प्रारंभिक चरण में मेरे चारों ओर घेरा बनाता दिख रहा है। मगर एक बात याद रखिये इस समय, भाजपा के चक्रव्यू में अभिमन्यु नहीं हैं, अर्जुन है और यहां #लालकुआं में अर्जुन के साथ कृष्ण भी हैं, युधिष्ठिर भी हैं, भीमसेन भी हैं, नकुल-सहदेव भी हैं और रथी-महारथी भी हैं तो माँ कुंती के रूप में मेरी माताओं-बहनों का आशीर्वाद भी है, मैं हर मोर्चे पर पहुंचने का प्रयास करूंगा।
भाजपा के लिए बागी सबसे बड़ी चुनौती- वहीँ दूसरी तरफ भाजपा की चुनावी राह में बागी रोड़ा बने खड़े है। भाजपा बागियो को मनाने में तो कामयाब रही है लेकिन अभी भी भाजपा में रहे कुछ नेताओं ने मैदान में उतरने के अपने फैसले को वापस नहीं लिया है।निश्चित तौर पर ऐसे नेताओ के कारण भाजपा के घोषित उम्मीदवारो को नुकसान पहुंच सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद भी बागी नेताओ को मनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन उनके प्रयास से अभी भी तक किसी सकारात्मक दिशा में नजर नहीं आए हैं।
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