Uttarakhand Election: डोबरा चांठी पुल, सेंटर OBC या ‘कालापानी’, इस सीट पर कौन सा मुद्दा होगा निर्णायक?
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सौरभ सिंह
टिहरी. अपने डैम के लिए मशहूर टिहरी ज़िले के अंतर्गत आने वाली प्रतापनगर विधानसभा में इस बार मुद्दे की लड़ाई है. यहां तीन मुद्दे खास तौर से बड़े हो गए हैं, जिनमें से कौन सा किस पार्टी के पक्ष में जाएगा, अभी इस पर सस्पेंस कायम है. एक मुद्दा है इस विधानसभा का विकास के मोर्चे पर इतना पिछड़ जाने का कि इसे कालापानी की सज़ा तक कह दिया गया. दूसरा मुद्दा है कि इस सीट को ओबीसी के लिए रिज़र्व किए जाने संबंधी घोषणा का और तीसरा है, डोबरा चांठी पुल का, जिसका लोकार्पण पिछले ही साल किया गया. अब इन तीन मुद्दों में से कौन सा इस सीट के लिए निर्णायक साबित होगा, इसे समझते हुए पता चलता है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच यहां टक्कर कितने कांटे की है.
डैम की झील बनने के बाद से ही प्रतापनगर क्षेत्र पिछड़ेपन का शिकार हुआ और मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते प्रतापनगरवासियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्हें कालापानी की सज़ा दी गई है. दूसरी ओर, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने मई 2016 में प्रतापनगर को स्टेट ओबीसी में शामिल किया था, तो 2017 में तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ओणेश्वर महादेव मंदिर में एक जनसभा में ऐलान किया था कि बीजेपी प्रत्याशी को जिताने पर प्रतापनगर को सेंटर ओबीसी में शामिल किया जाएगा. लेकिन पांच साल होने पर भी यह घोषणा अब तक पूरी नहीं हुई.
पुल का मुद्दा हथियाने की होड़
प्रतापनगर क्षेत्र की लाइफलाइन कहा जाने वाला डोबरा चांठी पुल वर्ष 2006 से निर्माणाधीन रहा. पिछले 15 सालों में भाजपा और कांग्रेस की सरकारें बारी बारी आईं इसलिए दोनों ही इस पुल को अपनी देन बताती हैं. 8 नवंबर 2020 को बीजेपी सरकार के कार्यकाल में चूंकि प्रतापनगर का पुल लोकार्पित हुआ इसलिए भाजपा इस पर दावा करती है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पिछले चुनावों में डोबरा चांठी पुल के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ते रहे. प्रतापनगर के बीजेपी विधायक विजय सिंह पंवार का दावा है कि पुल बीजेपी की देन है और उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि.
प्रतापगढ़ विधानसभा में डोबरा चांठी पुल को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच क्रेडिट की जंग जारी है.
लेकिन जनता के लिए मुद्दा क्या है?
प्रतापनगर क्षेत्र के लोगों का एक सपना डोबरा चांठी पुल भले ही तैयार हो गया, लेकिन सेंटर ओबीसी सीट की आस लगाए बैठे लोग मानते हैं कि इस घोषणा पर ही भाजपा का रिपोर्ट कार्ड निर्भर करता है. इस मामले में पंवार का दावा यह है कि केंद्र में फाइल चल रही है और जल्द ही इसका सकारात्मक नतीजा आएगा. इसके अलावा, भी स्थानीय लोग सड़कों की बदहाली और बेरोज़गारी जैसे मुद्दों को यहां अहम बता रहे हैं. बहरहाल, कुल मिलाकर सस्पेंस बना हुआ है कि इस बार चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा.
आपके शहर से (टिहरी गढ़वाल)
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Tags: Tehri news, Uttarakhand assembly, Uttarakhand Assembly Election 2022, Uttarakhand news, Uttarakhand politics
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