गर्मियों में क्यों बढ़ जाता है यूटीआई का खतरा? आइये जानते हैं क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ
गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन की समस्या होना बहुत आम बात है। डिहाइड्रेशन की वजह से शरीर में थकान और कमजोरी होने लगती है, कई बार यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) की समस्या भी देखने को मिलती है। कई बार ये समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि उठने-बैठने में भी परेशानी होने लगती है। विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मिमी के मौसम में पर्याप्त पानी न पीने से मूत्राशय में बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे यूटीआई की समस्या हो सकती है। अगर किसी को बार-बार यूटीआई की समस्या हो रही है तो इसका प्रभाव किडनी पर भी पड़ सकता है। अच्छी बात यह है कि गर्मी के दिनों में आप कुछ सावधानियां बरतकर इस गंभीर समस्या से दूर रह सकते हैं। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
डिहाइड्रेशन के कारण बढ़ सकती है समस्या
गर्मियों में पसीने के कारण शरीर से पानी तेजी से निकलता है। अगर इसकी पूर्ति न की जाए, तो डिहाइड्रेशन की स्थिति बन सकती है। डिहाइड्रेशन के कारण मूत्राशय में बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ जाता है, जो यूटीआई का प्रमुख कारण बनता है। खासकर महिलाओं में मूत्रमार्ग की संरचना के कारण यह समस्या अधिक देखी जाती है। पर्याप्त पानी न पीना, कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का अधिक सेवन, और अस्वच्छता भी इस जोखिम को बढ़ाते हैं।
कैसे करें इसकी पहचान?
यूटीआई के शुरुआती लक्षणों को पहचानना जरूरी है ताकि समय रहते उपचार शुरू किया जा सके। इसके मुख्य लक्षण हैं-
पेशाब करते समय जलन या दर्द होना
बार-बार पेशाब आने की इच्छा होना
मूत्र का रंग गहरा होना
पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
हल्का बुखार होना
कुछ मामलों में थकान और कमजोरी भी महसूस हो सकती है
यूटीआई के लक्षण दिखें तो क्या करें?
अगर आपको यूटीआई के लक्षण महसूस हों, तो सबसे पहले पानी का सेवन बढ़ाएं। दिनभर में कम से 2.5 से 3 लीटर पानी पीएं। पर्याप्त पानी पीने से मूत्राशय में जमा बैक्टीरिया बाहर निकल सकते हैं। इसके अलावा, बिना देर किए किसी यूरोलॉजिस्ट या सामान्य चिकित्सक से सलाह लें।
यूटीआई के खतरे से बचे रहने के लिए क्या करें?
यूटीआई से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। सबसे पहले, दिनभर में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी पीने की आदत डालें। गर्मियों में नींबू पानी, नारियल पानी, और फलों का रस जैसे हाइड्रेटिंग पेय पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। पर्सनल हाइजीन का विशेष ध्यान रखें। कॉटन के अंडरगारमेंट्स पहने और टाइट कपड़ों से बचें। इसके अलावा हर तीन घंटे में एक बार पेशाब जरूर करें। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उनमें यूटीआई का खतरा अधिक होता है, ऐसे लोगों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
(साभार)
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