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क्या नए आईटी नियमों का यूजर्स पर पड़ेगा असर? सरकार ने दिए कई गंभीर सवालों के जवाब

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नई दिल्ली: सरकार इन सोशल मीडिया (Social Media) और दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Plateform) को लेकर बेहद सतर्क है. सरकार इस बात का ख्याल रख रही है कि किसी भी तरह से आपत्तीजनक और भड़काऊ कंटेट (Inflammatory Content) सोशल मीडिया में प्रसारित हो. पिछले कुछ महीनों में सरकार ने आईटी नियमों (IT Rules) में बड़े स्तर पर बदलाव किए हैं. सोमवार को सरकार की तरफ से नए आईटी नियमों लेकर उठ रहे सवालों के जवाब दिए गए. सरकार ने सवालों के जवाब में एक दस्तावेज जारी किया और कहा कि नए आईटी नियम भाषा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को प्रभावित नहीं कते. सरकार ने यह भी कहा कि नए नियम सिर्फ ऑनलाइन यूजर्स को सशक्त बनाएंगे.

सरकार ने यह भी साफ किया कि नए नियमों को बनाने का इरादा किसी भी तरह से एन्क्रिप्शन को तोड़ना या फिर कमजोर करना नहीं है. यह केवल इसलिए है ताकि यह मालूम किया जा सकें कि संदेश भेजने वाला कौन है इसका इरादा सिर्फ प्रेषक के पंजीकरण विवरण को प्राप्त करना है. नए नियमों में यह सबसे बड़ी चिंता की बात थी कि व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म में संदेश के पहले प्रवर्तक का पता लगने से एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के नियमों को तोड़ सकता है.

वैध आदेश से साझा होगी जानकारी
सरकार द्वारा कहा गया कि इसमें किसी मैसेज चाहे वो टेक्स्ट हो, फोटो हो या फिर वीडियो इसके प्रवर्तक का पता लगाने के लिए नियम के साथ एक वैध आदेश के साथ एजेंसी के साथ साझा की जाएगी. नए नियम के तहत यह कहा गया कि अगर सेंडर और रिसीवर के बीच मध्यस्थ को अपने उपयोगकर्ता को यह बताना है कि किसी विशेष प्रकार की सामाग्री को उसकी शर्तों के अतिरिक्त अपलोड या साझा नहीं करना है तो उसके पास पर्याप्त क्षमता होनी चाहिए.

नए आईटी नियम में यह भी कहा गया कि यह भी जरूरी है कि प्लेटफॉर्म का उपयोग आईटी नियमों के तहत निर्दिष्ट किसी भी गैरकानूनी सामाग्री को साझा करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. सरकार ने यह भी कहा कि नए आईटी नियम संविधान के अनुच्छेद 19 का उलल्घंन नहीं करते जो भाषण और अभिव्यक्त की स्वतंत्रता का अधिकार देते हैं.

नए नियमों को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न दस्तावेज बताते हैं कि नए आईटी नियम, 2021 उपयोगकर्ताओं पर कोई अतिरिक्त दायित्व न डालें और उपयोगकर्ताओं पर लागू होने वाले किसी भी प्रकार के दंड को शामिल न करें. दस्तावेज में आगे कहा गया है कि आईटी नियम, 2021 प्लेटफॉर्म पर सामान्य उपयोगकर्ता को लाभ पहुंचाने के लिए हैं. इन उपायों का उद्देश्य ऑनलाइन स्पेस में उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाना और उनके अधिकारों और गरिमा की रक्षा करना है.

सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया बिचौलियों को उपयोगकर्ताओं को समय-समय पर रिमाइंडर भेजने की आवश्यकता है कि सामग्री जो अन्य उपयोगकर्ताओं के लिए अवैध या हानिकारक हो सकती है, जैसे कि उत्पीड़न, अपमान, फर्जी समाचार, गलत बयानी, गोपनीयता के आक्रमण, पीडोफिलिक, अश्लील, मानहानिकारक और अश्लील पोस्ट नहीं किया जाना चाहिए.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न कहते हैं कि उपयोगकर्ताओं पर कोई दंड नहीं है, उन्हें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उनके द्वारा साझा की जाने वाली सामग्री आईटी अधिनियम या अन्य मौजूदा कानूनों जैसे आईपीसी या कॉपीराइट अधिनियमों का उल्लंघन नहीं करती है, वे सभी के तहत मुकदमा चलाने/दंडित होने के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं.

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