उत्तराखंड

चारधाम यात्रा पर पहुंचने वाले लोगों के लिए उत्तराखंड सरकार का महत्वपूर्ण संदेश, जानें क्या बोले सीएम धामी,

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देहरादून। चारधाम यात्रा पर पहुंचने वाले यात्रियों ने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बढ़चढ़ लोगों ने इस बार चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। केदारनाथ के कपाट खुलने के एक दिन पहले ही करीब 20 हजार से अधिक लोग दर्शन के लिए पहुंचे थे। चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं का उत्तराखंड सरकार की ओर से पूरा ध्यान भी रखा जा रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी लोगों से अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराने की अपील भी की है। उन्होंने कहा, मैं सभी से अपील करता हूं जब कि वे पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाते, तब तक अपनी यात्रा शुरू न करें। सीएम धाम ने इस दौरान आईआरबी द्वतीय के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का उद्घाटन और अन्य भवनों का शिलान्यास भी किया। इस दौरान उनके साथ डीजीपी अशोक कुमार भी मौजूद रहे।

चारधाम यात्रा को लेकर सीएम धामी ने बताया कि पहले के समय में वीआईपी श्रेणी के दर्शन होते थे, लेकिन उनकी सरकार इस व्यवस्था को समान रखा है। अब यहां कोई वीआईपी नहीं होगा। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीएम योगी ने बताया कि प्रशासन और मंत्री चारधाम की व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं।

कोरोना के चलते दो साल बाद शुरू हुई यह यात्रा उनके लिए एक चुनौती है। सीएम धामी ने चारधाम यात्रा पर पहुंच रहे लोगों की भीड़ को लेकर हम होटल मालिकों, कैब ड्राइवरों, टूर गाइडों से भी मिले हैं। हमे बताया गया है कि लगभग डेढ़ महीने पहले सभी गाड़ियां और होटल बुक हो गए थे। सीएम धामी ने युवाओं से अनुरोध करते हुए कहा, चारधाम यात्रा में खड़े बूढ़े और जरूरतमंदों को कतार में आगे बढ़ने दें।

केदारनाथ और यमुनोत्री मार्ग पर एनडीआरएफ तैनात
चारधाम यात्रा में मदद के लिए केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की टीम भेज दी है। ये टीम केदारनाथ और यमुनोत्री मार्ग पर यात्रियों को पेश आने वाली दिक्कतों को दूर करने में मदद करेगी। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर यात्रियों को तत्काल दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। मुख्य सचिव डा. एसएस संधु ने बताया कि चार धाम यात्रा में पहली बार केंद्र सरकार की ओर से एनडीआरएफ की टीम भेजी गई है। अब केंद्र की एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम किसी भी स्थिति से निपटने को हमेशा मुस्तैद रहेंगी। यात्रा अब पूरी तरह व्यवस्थित हो गई है। शुरुआती दिनों में आमतौर पर भीड़ अधिक होती है। खासतौर पर यात्रा शुरू होने के दिन श्रद्धालुओं की संख्या हमेशा बढ़ती है। अब श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित करने को सिस्टम तैयार कर लिया गया है।



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