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उपचुनावों में भाजपा का वंशवाद!

हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वंशवाद और परिवारवाद को मुद्दा बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के बहाने कांग्रेस को राजा और रानी की पार्टी बता रहे हैं तो सोनिया और राहुल गांधी के बहाने कांग्रेस को मां-बेटे की पार्टी भी बता रहे हैं। हालांकि खुद भाजपा ने अनेक नेताओं के बेटे और पत्नी को चुनाव में उतारा है। हिमाचल का चुनाव 12 नवंबर को है उससे पहले गुरुवार को छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इनमें से छह सीटों पर भाजपा लड़ रही है। भाजपा ने पांच सीटों पर नेताओं के बेटे या पत्नी को टिकट दिया है। एक सीट पर उसने कांग्रेस से दलबदल करके आए पूर्व विधायक को उतारा है।

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर में गोला गोकर्णनाथ सीट पर उपचुनाव हुआ है। भाजपा विधायक अरविंद गिरी के निधन से यह सीट खाली हुई थी। भाजपा ने इस सीट पर अरविंद गिरी के 26 साल के बेटे अमन गिरी को चुनाव लड़ाया। वहां भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला हुआ। बिहार में कामा सीट पर राजद विधायक अनंत सिंह को अयोग्य घोषित होने से खाली हुई, वहां राजद ने अनंत सिंह की पत्नी को उतारा तो भाजपा ने जदयू छोड़ कर अपनी पार्टी में आए नेता नलिनी रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी को टिकट दिया।

बिहार की ही गोपालगंज सीट भाजपा विधायक सुभाष सिंह के निधन से खाली हुई थी। वहां से भाजपा ने सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को चुनाव में उतारा था। दोनों सीटों पर भाजपा का सीधा मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल के साथ हुआ। ओडिशा की धामनगर सीट पर भाजपा के विधायक विष्णुचरण सेठी के निधन की वजह से उपचुनाव हुआ है। पार्टी ने वहां से सेठी के बेटे सूर्यवंशी सूरज को टिकट दिया था। इस सीट पर पहले भी बहुत नजदीकी मुकाबला हुआ था। धामनगर में भाजपा और बीजू जनता दल का सीधा मुकाबला है।

हरियाणा की आदमपुर सीट पर भाजपा ने कांग्रेस से दलबदल करके आए कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को टिकट दिया। कुलदीप के इस्तीफे से ही सीट खाली हुई थी। वहां भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला था। तेलंगाना की मुनुगोडे सीट पर कांग्रेस विधायक के राजगोपाल रेड्डी के इस्तीफे से उपचुनाव हुआ है। भाजपा ने कांग्रेस से दलबदल करने वाले राजगोपाल रेड्डी को टिकट दिया। महाराष्ट्र की अंधेरी सीट पर भाजपा ने आखिरी वक्त में अपना उम्मीदवार हटा लिया। हालांकि वहां भी भाजपा ने पहले दिवंगत विधायक रुतुजा लटके को अपनी पार्टी में लाकर टिकट देने का प्रयास किया था। सो, छह सीटों पर भाजपा लड़ रही है, जिसमें से चार पर नेताओं के बेटे व पत्नी को टिकट दिया, एक सीट पर दलबदलू नेता के बेटे को टिकट दिया और एक सीट पर दलबदल करने वाले विधायक को टिकट दिया। यह दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का हाल है!
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