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राजधानी दिल्ली में दिवाली से पहले ही खराब श्रेणी में पहुंची एयर क्वालिटी

दिल्ली- एनसीआर।  दिवाली से पहले ही राजधानी दिल्ली में एयर क्वालिटी खराब श्रेणी में पहुंच गई है। रविवार सुबह से ही दिल्ली समेत आसपास के शहरों में धुंध छायी रही। अक्षरधाम के पास से गुजरने वाले राहगीरों को कम दृश्यता के चलते गाड़ियों की रफ्तार धीमी कर गुजरना पड़ा। इसी तरह इंडिया गेट और कर्तव्य पथ की ओर सैर पर निकले लोगों का धुंध से सामना हुआ। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार रविवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 266 (खराब) श्रेणी में है।

वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि सोमवार रात तक हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। ऐसे में सांसों पर संकट बढ़ना तय है। हवा के अधिक बिगड़ते ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रैप) की पाबंदियां भी बढ़ाई जाएंगी। उधर, शनिवार को गाजियाबाद की हवा बेहद खराब हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के मुताबिक, गाजियाबाद का एक्यूआई 312 रहा। वहीं, नोएडा का 290 और फरीदाबाद का 280 एक्यूआई रहा है। दिल्ली की हवा 265 एक्यूआई के साथ खराब श्रेणी में रही है। हालांकि, अगले 24 घंटे में इसके बेहद खराब श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।

प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी 3 फीसदी
केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 500 से कम जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं, जिनकी दिल्ली के प्रदूषण में तीन फीसदी से कम हिस्सेदारी रही। 2.5 से बड़े कणों की पीएम 10 में 46 फीसदी हिस्सेदारी रही है। पीएम 10 का स्तर 237 व पीएम 2.5 का स्तर 110 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रहा। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिनों तक हवा की रफ्तार आठ से 10 किलोमीटर प्रतिघंटा रह सकती है।
कम होगा मिक्सिंग हाइट और वेंटिलेशन इंडेक्स का स्तर
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान शनिवार को हवा की दिशा उत्तरी की ओर रही है। अगले 24 घंटे में यह भी उत्तर की ओर रहेगी। शनिवार को मिक्सिंग हाइट का स्तर 2500 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 11700 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहा। रविवार को मिक्सिंग हाइट और वेंटिलेशन इंडेक्स का स्तर कम होगा। मिक्सिंग हाइट का स्तर 1750 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स छह हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रह सकता है। बता दें कि वेंटिलेशन इंडेक्स का स्तर छह हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड से कम और हवा की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रतिघंटा से कम होने पर प्रदूषकों को जमने में मदद मिलती है।

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