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अमित शाह की अधिकारियों को दो टूक- या तो जम्मू कश्मीर में आतंकवाद खत्म करने के लिए लड़ें या फिर ले लें ट्रांसफर

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नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के तीन दिवसीय दौरे से वापस लौट चुके हैं. गृह मंत्री 5 अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर पहुंचे थे. अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ भी बैठक की. सूत्रों ने सीएनएन न्यूज 18 को बताया कि अमित शाह ने अपने दौरे में सुरक्षा अधिकारियों से सीधे तौर पर कहा कि वह जम्मू कश्मीर में आतंकवाद (Terrorism) को खत्म करने पर अपना पूर फोकस रखें.

गृह मंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान शनिवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की और सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में उनके साथ उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना, अर्ध सैनिक बलों और खूफिया एजेंसी के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए थे. गृह मंत्री की यह यात्रा ऐसे समय पर हुई जब हाल ही घाटी में कई नागिरिकों की हत्या की घटनाएं सामने आईं.

जिन्हें डर लग रहा है वो दूसरी पोस्टिंग ले लें
सूत्रों के अनुसार इस उच्च स्तरीय बैठक में अमित शाह ने पहले खुफिया विभाग के प्रमुखों को संबोधित किया और उनसे जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर किस तरह से रोक लगाई जाए उसके लिए कारगर उपायों के बारे में पूछा. अधिकारियों ने गृह मंत्री को उनके कार्य शैली के बारे में बताया और यह भी कहा कि स्थानीय अधिकारी इंटेलीजेंस की तरफ से दी गई इनफॉर्मेशन पर कार्य नहीं करना चाहते. सूत्रों ने कहा कि शाह ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिन अधिकारियों को डर लगता है उन्हें कश्मीर में काम नहीं करना चाहिए इसके बजाए वह उन्हें दूसरी जगह पोस्टिंग लेनी चाहिए.

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11 घुसपैठ के जवाब में गृह मंत्री ने कही ये बात
सूत्रों का कहना है कि उन्होंने यह सिर्फ एक बार ही नहीं कहा बल्कि इस बात को दो बार दोहराया और ऐसे अधिकारियों को यहां से तुरंत जाने के लिए कहा है. बताया जा रहा है कि शाह ने दौरे के दौरान सेना कमांडर से भी बात की. अधिकारी ने उन्हें बताया कि घुसपैठ में लगातार कमी आ रही है. 2021 में सिर्फ ग्यारह घुसपैठ हुई है. सूत्रों ने बताया कि इस पर अमित शाह ने जवाब दिया कि यदि घुसपैठ सिर्फ ग्यारह है तो हत्याओं में भी कमी आनी चाहिए.

सूत्रों के अनुसार शाह ने कहा कि यदि सिर्फ ग्यारह घुसपैठ हुई है तो अब तक तो घाटी में आतंकवाद और लोगों की हत्याओं की घटनाएं पूरी तरह से समाप्त हो जानी चाहिए थीं, जो कि नहीं हुई है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि क्या आपको लगता है कि यह सही जवाब है. बैठक में भाग लेने वाले शीर्ष अधिकारियों में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्य सचिव, जम्मू-कश्मीर, डीजीपी कश्मीर, आईजी कश्मीर, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ प्रमुख, और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला शामिल थे.

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