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क्या ओमिक्रॉन के खिलाफ कारगर हैं टीके?, ICMR एक्सपर्ट ने दी बड़ी जानकारी, इन लोगों को है ज्यादा खतरा

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नई दिल्ली: कोविड के नए स्वरूप ओमिक्रॉन (Omicron) की दहशत पूरे दुनिया में छाई हुई है. ओमिक्रॉन (Omicron Cases) के बढ़ते मामलों के बीच एक सबसे बड़ा सवाल सामने आ रहा है कि क्या कोविड-19 की वैक्सीन ओमिक्रॉन (Covid Vaccine Against Omicron) के खिलाफ कारगर होगी या नहीं. जिन लोगों ने वैक्सीन की पूरी डोज ले ली है क्या वे ओमिक्रॉन के संक्रमण से सुरक्षित हैं या नहीं. इन्हीं सवालों को लेकर आज भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर ने न्यूज 18 इंडिया से कई बड़ी बातें कहीं. उन्होंने जो बताया वो हैरान और परेशान करने वाला है. डॉ. गंगाखेडकर ने कहा कि SARS-CoV-2 के नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन आंशिक रूप से सुरक्षा प्रदान कर सकती है.

पिछले साल कोविड महामारी के दौरान शीर्ष चिकित्सा अनुसंधा एजेंसी का मुख्य चेरहा रहे गंगाखेडकर ने कहा कोविड का नया संस्करण जो कि दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना में पाया गया अगर इसके मामले बढ़ते हैं तो सरकार को इसकी टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रैकिंग में ज्यादा मुश्किल नहीं होगी.

कोविड नियमों का पालन बहुत जरूरी
गंगाखेडकर ने इस बात पर जोर दिया कि संक्रमण का ग्राफ गिरने के बाद कुछ लोग मास्क लगाने और हाथों की सफाई करने में लापरवाही बरत रहे हैं यह महारे लिये एक बड़ा संकट खड़ा कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस समय मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना और कोरोना के खिलाफ बुनियादी नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है.

इन लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है ओमिक्रॉन
उन्होंने News18.com को बताया, “ओमिक्रॉन उन सभी लोगों के लिए ज्यादा घातक हो सकता है जो कि कमजोर हैं या फिर जिन्होंने अभी तक वैक्सीन की डोज नहीं ली है. “हर किसी को खुद को वायरस से बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए और वायरस को अपने शरीर के अंदर प्रवेश करने, दोहराने और इस तरह आगे बढ़ने का अवसर प्रदान नहीं करना चाहिए.

टीकों के प्रभाव को कम कर सकता है ओमिक्रॉन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा आधिकारिक तौर पर ओमिक्रॉन नामक एक नया कोरोनावायरस संस्करण – बी.1.1.529 – कुल मिलाकर 50 म्यूटेशनों को ले जाने के लिए जाना जाता है इसके स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में 30 से ज्यादा परिवर्तन मिले हैं. भारत में एचआईवी महामारी के खिलाफ रोकथाम और नियंत्रण रणनीतियों में शामिल गंगाखेडकर के अनुसार, स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन से एंटीबॉडी की दक्षता काफी कम हो सकती है. उन्होंने का कि ओमिक्रॉन का स्पाइक प्रोटीन एक अलग प्रकार का है जो कि टीकों की प्रभावशीलता को काफी कम कर सकता है.

डॉ. गंगाखेडकर ने कहा कि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि यह टीकाकरण करा चुके लोगों को पूरी तरह से ओमिक्रॉन से सुरक्षित कर सकता है इसलिए हमें किसी भी तरह की लापरवाही से बचना जरूरी है. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वैक्सीन इस संक्रमण से हमें आंशिक रूप से सुरक्षा प्रदान सकता है.

Tags: Corona vaccine, Omicron, Omicron variant



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