1962 के भारत-चीन युद्ध पर अरुणाचल के राज्यपाल ने कही बड़ी बात, कहा- मजबूत होती लीडरशिप तो…
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ईटानगर. अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के राज्यपाल ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) बीडी मिश्रा (BD Mishra) ने सेना के जवानों से सीमा पर किसी भी स्थिति के लिये तैयार रहने का आह्वान करते हुए शनिवार को कहा कि अगर देश में एक मजबूत नेतृत्व होता, तो भारत को 1962 में चीन (1962 India China War) के खिलाफ हार का सामना नहीं करना पड़ता. राजभवन की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई. चांगलांग जिले में राजपूत रेजीमेंट की 14वीं बटालियन के ऑपरेशनल बेस पर ‘सैनिक सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि देश को कभी भी अपनी सुरक्षा कम नहीं करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘अगर 1962 में भारत के पास एक मजबूत नेतृत्व होता, तो हमें चीन के खिलाफ हार का सामना नहीं करना पड़ता. अब, जमीनी समीकरण बदल गए हैं. भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली सशस्त्र बलों में से एक है. हालांकि, हमें अपनी सुरक्षा को कम नहीं करना चाहिए. प्रत्येक सैनिक को हमारी सीमाओं पर किसी भी स्थिति के लिए खुद को तैयार रखना चाहिए.’
मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सेना के जवानों के कल्याण के लिए हमेशा चिंतित रहती है. उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा बलों के प्रति सरकार के रवैये में काफी बदलाव आया है. अब शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व सुरक्षाकर्मियों की भलाई को लेकर बेहद चिंतित है.’ उन्होंने कर्मियों से अनुशासन बनाए रखने, खुद को कड़ी मेहनत से प्रशिक्षित करने और नागरिकों के साथ मधुर संबंध रखने का आह्वान किया.
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उन्होंने कहा, ‘अगर वर्दीधारी ठान लें, तो वे अपने सभी प्रयासों में सफल होंगे.’ रेजिमेंट के कंपनी कमांडर के रूप में 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लेने वाले राज्यपाल ने बटालियन और उसके सैनिकों की दक्षता की सराहना की.
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Tags: Arunachal pradesh, China, India china war
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