Aryan Khan Case: इन नियमों का हुआ पालन तभी आज हो पाएगी आर्यन खान की रिहाई
[ad_1]
आर्यन, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन को स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. मादक पदार्थ रखने, उसका सेवन करने, प्रतिबंधित मादक पदार्थ की खरीद और बिक्री तथा साजिश के लिए उनके खिलाफ स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस कानून) की उपयुक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. एनसीबी ने जमानत अर्जियों का विरोध किया और कहा कि इस मामले में साजिश एवं अपराध के लिए उकसाने के आरोप लगते हैं. इस मामले में अब तक 20 लोग गिरफ्तार किये गये हैं.
आर्यन, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन को स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. मादक पदार्थ रखने, उसका सेवन करने, प्रतिबंधित मादक पदार्थ की खरीद और बिक्री तथा साजिश के लिए उनके खिलाफ स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस कानून) की उपयुक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. एनसीबी ने जमानत अर्जियों का विरोध किया और कहा कि इस मामले में साजिश एवं अपराध के लिए उकसाने के आरोप लगते हैं. इस मामले में अब तक 20 लोग गिरफ्तार किये गये हैं.
मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High court) ने क्रूज पोत मादक पदार्थ मामले में आर्यन खान (Aryan Khan) को जमानत दे दी. मुंबई के तट से एक क्रूज़ जहाज पर दो अक्टूबर को छापेमारी के बाद स्वपाक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) ने अभिनेता शाहरुख खान के पुत्र आर्यन को गिरफ्तार किया था. इस मामले ने कई विवादों को जन्म दिया. इस मामले में केंद्रीय एजेंसी और उसके अधिकारी भी उनमें घिर गये. आर्यन के तत्काल आर्थर रोड जेल से बाहर आने की संभावना नहीं है क्योंकि अदालत ने जमानत देते हुए जो शर्तें लगायी हैं, उससे संबंधित प्रभावी आदेश अदालत ने अब तक दिया नहीं है. जज जस्टिस एन डब्ल्यू साम्बरे की एकल पीठ ने मामले में सह-आरोपियों अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को भी जमानत दे दी. जज जस्टिस साम्बरे ने कहा ‘सभी तीनों अपीलें स्वीकार की जाती हैं. मैं कल शाम तक विस्तृत आदेश दूंगा.’ आर्यन के वकीलों की टीम अब शुक्रवार या शनिवार तक उनकी रिहाई के लिए औपचारिकताएं पूरी करने का प्रयास करेगी. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में सेंट्रल मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है.
जानकारों के मुताबिक रिहाई के लिए प्रक्रिया में पहला कदम है कि बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली बेल ऑर्डर की कॉपी (डिटेल्ड ऑर्डर कॉपी या ऑपरेटिव पार्ट) को स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट में जमा करवाना होता है. ऑपरेटिव पार्ट को स्वीकारना या डिटेल्ड ऑर्डर कॉपी को ही स्वीकार करना ये स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट के जज पर निर्भर करता है.
दिन में दो बार खोली जाती है जमानत की पेटी
ऑर्डर में मुचलके की रकम (नगद) और कुछ अहम दस्तावेज देने के बाद स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट आरोपी के नाम से ‘रिलीज ऑर्डर’ जारी करती है. इस रिलीज ऑर्डर को आर्थर रोड जेल के बाहर लगी जमानत पेटी में डाला जाता है. यह जमानत पेटी सुबह 6 बजे और शाम के 5 बजे, दिन में दो बार खोली जाती है.
इस बॉक्स से निकलने वाले रिलीज ऑर्डर के आधार पर जेल अधिकारी आरोपियों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं. डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई करने के बाद आरोपी को रिहा किया जाता है. अगर आर्यन की टीम स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट से रिलीज ऑर्डर शुक्रवार दोपहर तक हासिल कर लेती है और जेल के बाहर लगी जमानत पेटी में डाल देती है तो उसके बाद शाम 5 बजे जमानत पेटी खोली जाएगी और उसके कुछ घंटों के बाद आर्यन की रिहाई मुमकिन है. (आशीष सिंह के इनपुट के साथ)
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
[ad_2]
Source link
Muchas gracias. ?Como puedo iniciar sesion?