उत्तराखंड

अखाड़ा परिषद फिर दो फाड़, प्रयागराज में बैठक से पहले हरिद्वार में 7 अखाड़ों ने चुने नए अध्यक्ष-महामंत्री

[ad_1]

पुलकित शुक्ला
हरिद्वार.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के मतभेद साफ तौर पर उजागर हुए हैं और परिषद दो गुटों में बंट गई है. परिषद के प्रमुख रहे महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद से ही अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान का माहौल बना हुआ था. ताज़ा अपडेट के मुताबिक कनखल स्थित महानिर्वाणी अखाड़े में अखाड़ा परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र सिंह शास्त्री की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें आनन फानन में अखाड़ों की बैठक के बाद नए अध्यक्ष और महामंत्री के लिए नामों की घोषणा करते हुए रवींद्र पुरी को जिम्मेदारी दे दी गई. यह परिषद के भीतर मतभेद माना जा रहा है क्योंकि चार दिन बाद ही प्रयागराज में 13 अखाड़ों की बैठक होनी थी.

साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एक बार फिर दो फाड़ हो गई है. 20 अक्टूबर की देर रात 13 में से 7 अखाड़ों ने बैठक कर नई कार्यकारिणी का गठन कर लिया. अखाड़ा परिषद की नई कार्यकारिणी में महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी को अध्यक्ष और निर्मोही अणि अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास को महामंत्री चुना गया. अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद से अध्यक्ष का पद खाली हुआ था और इसे लेकर खींचतान चल रही थी. अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रयागराज में किए जाने के लिए निरंजनी अखाड़े ने अखाड़ा परिषद की बैठक 25 अक्टूबर को बुलाई थी.

नई कार्यकारिणी में बैरागी अखाड़े भी शामिल
हरिद्वार में कुंभ मेला 2021 के दौरान बैरागी अखाड़ों ने अपनी उपेक्षा से नाराज होकर अखाड़ा परिषद से अलग हो गए थे. बैरागी अखाड़ों की मांग थी कि नियमानुसार अध्यक्ष और महामंत्री पद में एक पद सन्यासियों और दूसरा महामंत्री को मिलता है, लेकिन तत्कालीन कार्यकारिणी में बैरागी संतो को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया था.

uttarakhand news, haridwar news, mahant narendra giri, mahant balbir giri, prayagraj akhada news, उत्तराखंड ताजा समाचार, हरिद्वार न्यूज़, महंत नरेंद्र गिरि, अखाड़ा परिषद

हरिद्वार में 7 अखाड़ों की बैठक के बाद नए अध्यक्ष के ऐलान ने सबको चौंका दिया.

महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी का कहना है, “अखाड़ा परिषद के नवनियुक्त पदाधिकारी लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए हैं. नई कार्यकारिणी में सभी अखाड़ों को प्रतिनिधित्व दिया गया है. उनकी कोशिश रहेगी कि सभी अखाड़ों को साथ जोड़ा जाए.”

अध्यक्ष का पद होता है खास
देश में प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में कुंभ मेले का आयोजन होता है. कुंभ मेले में सरकार की ओर से साधु संतों और अखाड़ों को कई सुविधाएं दी जाती हैं. इन सुविधाओं को साधु-संतों तक पहुंचाने और संतो और सरकार के बीच समन्वय बनाने में अखाड़ा परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसलिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद को महत्वपूर्ण माना जाता है.

हरिद्वार कुंभ मेले में महंत नरेंद्र गिरि अध्यक्ष और महंत हरि गिरि महामंत्री के पद पर निर्वाचित हुए थे. बीते महीने महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद खाली चल रहा था, जिसको भरने के लिए साधु-संतों की ओर से कवायद की जा रही थी. 20 अक्टूबर की देर रात अखाड़ा परिषद के 7 अखाड़ों ने नए अध्यक्ष और महामंत्री का चुनाव कर पूरे संत समाज को चौंका दिया.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *