Breaking News: गीतकार बिछु तिरुमाला का 80 वर्ष की उम्र में निधन
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नई दिल्ली. वरिष्ठ गीतकार बिछु तिरुमाला (Bichu Thirumala) का शुक्रवार को निधन हो गया. वह 80 वर्ष की थे. तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. उनका सांस संबंधी दिक्कतों का इलाज चल रहा था. उन्होंने 400 से अधिक फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं. तिरुमाला ने मलयालम सिनेमा में 5,000 से अधिक गीतों का योगदान दिया है. उनका जन्म चेरथला में 13 फरवरी, 1941 को सीजे भास्करन नायर और सस्थमंगलम पट्टनिकुन्नू वीटिल परुकुट्ट्यम्मा के घर हुआ था. तिरुमला, तिरुवनंतपुरम जाने के बाद बिछु तिरुमाला हो गए.
गायिका सुशीला देवी, विजयकुमार, डॉ. चंद्रा, श्यामा और दर्शन रमन भाई हैं. बिछु तिरुमाला का कैरियर तब शुरू हुआ जब उन्होंने अपनी बहन के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कविताएं लिखीं. साल 1962 में उन्होंने इंटर-यूनिवर्सिटी रेडियो ड्रामा प्रतियोगिता में ‘बल्लाथा दुनियाव’ नाटक में लिखा और अभिनय किया. इसमें उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान हासिल किया. तिरुवनंतपुरम से अर्थशास्त्र में डिग्री के साथ स्नातक होने के बाद, वे फिल्म निर्देशन करने के मकसद से चेन्नई गए.
तिरुमाला ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1972 की फिल्म भाजा गोविंदम से की थी. हालांकि फिल्म रिलीज नहीं हुई थी, लेकिन ब्रह्ममुहूर्त में ‘प्रणाम सखी नी पल्लवी पड़िया नेरम…’ से शुरू होने वाले गाने को खूब सराहा गया था. ‘अक्कलदमा’ रिलीज होने वाली पहली फिल्म थी। श्याम, ए.टी. उमर, रवींद्रन, जी. संगीतकार देवराजन और इलियाराजा के साथ, उन्होंने सत्तर और अस्सी के दशक में कई हिट गीत भी दिए. उन्होंने एआर रहमान की एकमात्र मलयालम फिल्म योद्धा के लिए गीत भी लिखे.
उन्होंने दो बार सर्वश्रेष्ठ गीतकार का राज्य फिल्म पुरस्कार जीता है. उनकी पत्नी प्रसन्ना कुमारी एक सेवानिवृत्त जल प्राधिकरण कर्मचारी हैं. वहीं उनका बेटा सुमन शंकर बिछु संगीत निर्देशक है.
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