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100 करोड़ वैक्‍सीनेशन का लक्ष्‍य पूरा, जानें भारत ने कैसे हासिल किया इतना बड़ा मुकाम

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नई दिल्‍ली. भारत (India) ने आज 100 करोड़ वैक्सीनेशन (100 Crore Vaccination) के लक्ष्‍य हासिल कर दुनिया के सामने नया इतिहास रच दिया. इस साल 16 जनवरी से शुरू हुआ यह अभियान भारत में शुरुआती वैक्‍सीन (Vaccine) हिचकिचाहट, कोल्‍ड चेन बाधाओं और महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर के रूप में आई कई बाधाओं का सामना करने के बाद अब मील का पत्‍थर साबित हुआ है. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिका और इस लक्ष्‍य को हासिल करने में अहम भूमिका निभाने वाले स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को बधाई दी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, भारत ने इतिहास रचा, हम भारतीय विज्ञान, उद्यम और 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक भावना की विजय देख रहे हैं. 100 करोड़ टीकाकरण पार करने पर भारत को बधाई. हमारे डॉक्टरों, नर्सों और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए काम करने वाले सभी लोगों का आभार.

चरणबद्ध तरीके से चलाया गया वैक्‍सीनेशन
देशभर में 16 जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत हुई थी. देश में वैक्‍सीन की प्राथमिकता में सबसे पहले स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को रखा गया. दिनभर कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी को सबसे पहले कोरोना वैक्‍सीन लगाई गई. इसके बाद 1 मार्च से 60 साल से अधिक उम्र और गंभीर रूप से बीमार 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्‍सीन दी गई. देश ने 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया गया. सरकार ने तब 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को टीकाकरण की अनुमति देकर अपने टीकाकरण अभियान का विस्तार करने का निर्णय लिया.

रिपोर्टों के मुताबिक, इस दस महीने की अवधि में हर दिन औसतन 27 लाख खुराक दी गई हैं क्योंकि भारत ने लगभग 275 दिनों में 100 करोड़ का मील का पत्थर हासिल किया है. सरकार ने इस महीने की पहली तारीख को घोषणा की थी कि 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी 18 से ऊपर की 60% से अधिक वयस्क आबादी को कवर किया है, जिसमें कोविड के टीकों की कम से कम एक खुराक है और इस समूह के 25% लोगों ने दोनों खुराक ली है. सरकार ने कहा था कि कुल मिलाकर, देश की कुल वयस्क आबादी के 69% लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक मिली है.

भारत ने दो वैक्सीन से हुई थी शुरुआत 
भारत ने अपना वैक्सीन अभियान 16 जनवरी को दो वैक्‍सीन के साथ की थी. भारत अपने वैक्‍सीनेशन अभियान की शुरुआत कोविशील्ड और कोवैक्सिन के साथ की थी. कोविशील्ड का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है जबकि कोवैक्सिन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने बनाया है. भारत ने दो वैक्‍सीन के बाद भी अपने लक्ष्‍य को पूरा करने के लिए अन्‍य वैक्‍सीन पर भी नजर बनाए रखी. भारत ने तीसरे स्थान पर रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन को जगह दी, जिसे मॉस्को में गमालेया संस्थान द्वारा बनाया गया है. इसके बाद मॉडर्ना वैक्सीन आया, जिसे 29 जून को ड्रग कंट्रोलर एंड जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई. इसके बाद जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज ने भारत ने 100 करोड़ के लक्ष्‍य के हासिल करने में अहम भूमिका निभाई.

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