बच्चों के लिए जल्दी ही आएगी कोरोना वैक्सीन: कोवैक्सिन, ZyCov-D के अलावा और क्या है ऑप्शन
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नई दिल्ली. बच्चों में कोविड-19 के संक्रमण को लेकर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि अगली लहर बच्चों पर असर डाल सकती है. इस बात को लेकर कहीं ना कहीं हर माता-पिता एक दबाव में जी रहा है. ऐसे में एक अच्छी खबर आई है. सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने 2 से 18 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सीन के आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है.
इसके बाद पालकों को थोड़ा आराम मिल सकता है. अब उनके पास जायडस केडिला के अलावा एक विकल्प और आ गया है. जायडस कैडिला की वैक्सीन को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है और वो राष्ट्रीय टीकाकरण का हिस्सा रहेगी. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक कई राज्यों में स्कूल खुल रहे है और साथ ही बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले भी देश भर में सामने आ रहे हैं.
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केंद्र सरकार 12 से 17 साल उम्र के ऐसे बच्चे जो किसी बीमारी से ग्रसित हैं या कमजोर इम्यूनिटी वाले हैं उनके साथ अक्टूबर-नवंबर से टीकाकरण की शुरुआत करने का मन बना रही है. सबसे ज्यादा प्रभावी राज्य जैसे केरल, महाराष्ट्र और मिजोरम में पिछले कुछ हफ्तों में बच्चों के मामले सामने आए हैं. केरल में, सीरो सर्वे के मुताबिक 40 फीसद बच्चों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडी पाई गई है.
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इसलिए जरूरी है कि बच्चों के लिए एक सही टीकाकरण कार्यक्रम की जल्द-से-जल्द शुरुआत की जाए. हालांकि बच्चों में इसका हल्का ही असर देखने को मिला है, लेकिन कुछ मामलों में कोविड-19 बच्चों में एक घातक बीमारी, मल्टी सिस्टम इन्फ्लामेट्री सिंड्रोम का कारण बन सकती है.
‘बच्चों के लिए मील का पत्थर साबित होगी वैक्सीन’
इस बारे में टाटा ट्रस्ट में न्यूट्रिशिन विभाग में असोसिएट डायरेक्टर डॉ सुजीत रंजन ने कहा, “हम कोविड-19 वायरस से संक्रमित होकर इम्यूनिटी हासिल कर सकते हैं या फिर वैक्सीन के जरिए इसे पा सकते हैं. पहली लहर के दौरान 4 फीसद बच्चों में संक्रमण था, जबकि दूसरी लहर के दौरान 10 से 15 फीसद बच्चे संक्रमित हुए. ऐसे में ये एक अच्छी खबर है कि केंद्रीय दवा नियामक ने 2 से 18 उम्र समूह के लिए कोवैक्सीन के आपाताकाल इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. हमारे बच्चों ओर किशोरों को बचाने में ये कदम मील का पत्थर साबित होगा.”
यहां तक कि भारत बायोटेक भी अपनी घरेलू वैक्सीन के आपातकाल इस्तेमाल के लिए मंजूरी का इंतजार कर रही है. बच्चों के लिए भारत में आने वाली वैक्सीन:
जायडस कैडिला – तीन डोज वाली बगैर सुई की वैक्सीन ZyCov-D को अगस्त में वयस्कों और 12 साल से ज्यादा उम्रे के किशोरों पर इस्तेमाल की आपातकालीन मंजूरी दे दी गई थी. डीएनए पर आधारित इस वैक्सीन को अभी बाजार में आने में समय है. ये किशोरों को लगने वाली भारत की पहली वैक्सीन है.
कोवैक्सिन – भारत के औषधि महानियंत्रक ने हाल ही में कोवैक्सिन को भी मंजूरी दी है. कोवैक्सिन भारत में बनने वाली वैक्सीन है जिसके वयस्कों पर अच्छे असर देखे गए हैं. वयस्कों के लिए उपलब्ध वैक्सीन जो कई डोज में उपलब्ध है उसकी तुलना में बच्चों के लिए पहले से ही भरी हुई सिरींज के तौर पर उपलब्ध होगी. हालांकि बच्चो को वही डोज (0.5) दिया जाएगा जो वयस्को को दिया जाता है.
नोवावैक्स-कोवावैक्स – जुलाई में भारत के औषधि नियामक ने सीरम इन्स्टिट्यूट ऑफ इंडिया को नोवोवैक्स के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल के लिए अनुमति दी थी जिसे भारत में कोवोवैक्से के नाम से जाना जाएगा. कुछ निश्चित हालातों के साथ 2 से 17 उम्र के बच्चों के साथ सीरम इन्स्टिट्यूट क्लीनिकल ट्रायल कर रहा है. वहीं 12 से 17 साल के उम्र समूह पर ट्रायल पहले से ही चल रहा है.
कोर्बावेक्स – डीसीजीआई ने हैदराबाद की बायोल़ॉजिकल ई लिमिटेड को भी दूसरे और तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दी है. इस घरेलू वैक्सीन को 5 से 18 उम्र समूह के बच्चों निश्चित हालात में दिया जाएगा.
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