देहरादून: हाईकोर्ट ने निरस्त किया वाटर फॉल को लेकर जिला पर्यटन अधिकारी का आदेश
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नैनीताल. देहरादून के चकराता वाटर फॉल (Chakrata Water Fall) को लेकर स्थानीय समिति को दिये पर्यटन विभाग के आदेश को निरस्त कर दिया गया है. इस मामले में हाइकोर्ट ने सरकार को कहा है कि अगर कोई निर्णय लिया जाना है तो पहले सभी को सुनवाई का मौका दें. इसके साथ ही जिला पर्यटन अधिकारी (District Tourism Officer) के आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया.
दरअसल, टाइगर वाटर फॉल को विकसित करने के लिये एडीबी ने सौन्दर्यीकरण के काम किये. काम पूरा होने के बाद सचिव पर्यटन ने 2016 में स्थानीय स्तर पर एक सोसाइटी का गठन कर संचालन की अनुमति दे दी. इस आदेश के तहत एक एडवायजरी कमेटी भी बनाई गई, जिसमें एसडीएम चकराता को अध्यक्ष और सचिव जिला पर्यटन अधिकारी को बनाया गया. पिछले कुछ सालों में इस पर्यटन क्षेत्र में लोगों की भीड़ आने के साथ पैसा भी कमेटी के पास आने लगा तो पास के गांव के कुछ लोगों ने कमेटी को वित्तिय अनिमित्ताओं का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की थी.
जिला पर्यटन अधिकारी ने 29 सितंबर 2021 को टाइगर फॉल संचालकों को नोटिस जारी कर अधिकारों को सीज कर दिया. इस आदेश के खिलाफ वॉटर फॉल संचालक हाईकोर्ट पहुंच गये. उन्होंने कहा कि जो आदेश जिला पर्यटन अधिकारी ने जारी किया है वो गलत है, लिहाजा उसको निरस्त किया जाए. याचिका में कहा गया था कि पर्यटन मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के निर्देश पर ये आदेश हुआ है और जो शिकायत हुई है वो पूर्ण तरह से राजनीतिक है, जबकि उनको पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया गया.
जस्टिस शरद की कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद पर्यटन अधिकारी के आदेश को निरस्त कर दिया है. इस मामले में केस की पैरवी कर रहे वकील विकास बहुगुणा ने बताया कि पूर्व में इसका संचालत करने का आदेश समिति को दिया था, लेकिन राजनैतिक कारणों से उनके अधिकारों को सीज कर दिया गया जिसको चुनौती दी गई थी.
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