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Delhi Air Pollution: IIT Delhi, सफदरजंग अस्‍पताल समेत इन सभी पर MCD ने लगाया 65 लाख का जुर्माना

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नई द‍िल्‍ली. द‍िल्‍ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के बढ़ते लेवल को कम करने और उसकी रोकथाम के ल‍िए द‍िल्‍ली सरकार (Delhi Government) की ओर से एंटी डस्‍ट कैंपेने चलाया हुआ है. साथ ही व‍िंटर एक्‍शन प्‍लान (Winter Action Plan) पर भी काम क‍िया जा रहा है. इस अभ‍ियान के तहत द‍िल्‍ली क‍ी सिव‍िक एजेंस‍ियां (Civic Agency) भी सरकार के साथ म‍िलकर सख्‍ती बरतने का काम कर रही हैं. न‍ियमों के उल्‍लंघन करने वालों के ख‍िलाफ चालान भी कर रही हैं. साउथ एमसीडी (South MCD) की ओर से सप्‍ताहभर के भीतर 73 मामलों में 65 लाख रुपए का चालान क‍िया है.

एसडीएमसी (SDMC) के साउथ जोन ने भवन विभाग निर्माण व विध्वंस गतिविधियों के फैलने वाले धूल प्रदूषण के खिलाफ विशेष अभियान चलाया हुआ है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देशों का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए भवन विभाग (Building Department) ने पिछले एक सप्ताह में 72 मामलों में लगभग 65 लाख रुपए का चालान किया है.

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इन सभी पर लगाया लाखों का जुर्माना, काटा चालान
एन.बी.सी.सी द्वारा संचालित किये जा रहे विभिन्न निर्माणाधीन परियोजनाओं पर डीपीसीसी (DPCC) द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का उल्लघंन पाया गया तथा उनके खिलाफ 5 लाख रुपए का चालान किया गया. साथ ही आई.आई.टी दिल्ली (IIT Delhi) द्वारा भी नियमों का उल्लंघन किया गया और उन पर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया.

सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) के स्पोटर्स ईंजरी सेन्टर (Sports Injury Centre) पर भी 5 लाख का जुर्माना लगाया गया. इसी तरह साउथ जोन के भवन विभाग द्वारा पुनर्विकास से संबंधित अन्य बड़ी परियोजनाओं में भी उल्लघंनकर्ताओं के खिलाफ विशेष कर उल्लंघन करने वाले निजी ठेकेदार व बिल्डर पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है.

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प्रदूषण हॉटस्‍पॉट पर लगातार न‍िगरानी की जा रही
साउथ जोन के भवन विभाग की ओर से लगातार सभी प्रदूषण हॉटस्पॉट पर लगातार निगरानी की जा रही है, ताकि धूल प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके. साथ ही भवन विभाग के अधिकारियों द्वारा दक्षिणी जोन के निर्माणाधीन स्थलों की लगातार कड़ी निगरानी की जा रही है. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है बिल्ड़र/मालिकों/ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्य करते हुए प्रदूषण को कम करने के लिए उचित उपाय अपनाए जाएं. इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा निरीक्षण के दौरान नागरिकों को धूल एवं प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है.

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