उत्तराखंड

देवस्थानम बोर्ड भंग : पुरोहितों के ‘आक्रोश’ के बाद धामी सरकार का बड़ा ऐलान, जानें पूरा मामला

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देहरादून. उत्तराखंड सरकार मंगलवार को बड़ा ऐलान करते हुए देवस्थानम बोर्ड एक्ट पर अपना फैसला सुना दिया. लंबे समय से गतिरोध के शिकार रहे इस बोर्ड को भंग कर दिया गया है, जो त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के कार्यकाल में 2019 में बनाया गया था. सरकार के मंत्रियों की एक उप समिति ने इस विषय में अपनी रिपोर्ट सोमवार को ही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को सौंपी थी. बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यानी चारों धामों समेत राज्य के करीब 51 प्रमुख मंदिरों का प्रबंधन व नियंत्रण देखने वाले इस बोर्ड को लेकर हाल में न्यूज़18 के कार्यक्रम राइज़िंग उत्तराखंड में सीएम धामी ने जल्द इस बारे में निर्णय लेने की बात कही भी थी.

तीन दिन पहले तीर्थ पुरोहितों ने इस बोर्ड के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज़ करते हुए देहरादून में आक्रोश रैली निकाली थी और घोषणा की थी अगर इस बोर्ड को भंग नहीं किया गया तो पुरोहित विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार का घेराव करेंगे. इससे पहले 26 नवंबर को राइज़िंग उत्तराखंड कार्यक्रम में न केवल धामी ने जल्द फैसला लेने की बात कही थी, बल्कि महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने भी खुले तौर पर ऐलान कर दिया था कि सरकार इस बोर्ड को खत्म करने का फैसला ले चुकी है. न्यूज़18 के मच से हुए इस ऐलान पर मंगलवार को सरकार ने आधिकारिक तौर पर मुहर लगा दी.

फाइनल रिपोर्ट के बाद क्या हुआ?
इस मामले में विचार करने के लिए पूर्व राज्यसभा सदस्य मनोहर कांत ध्यानी की अगुवाई में धामी सरकार ने एक समिति बनाई थी, जिसने बीते रविवार को अपनी फाइनल रिपोर्ट धामी को ऋषिकेश में सौंप दी थी. हालांकि ध्यानी ने इस बारे में ज़्यादा बात नहीं की थी, लेकिन बताया था कि ‘इस मुद्दे को हल करने के लिए हमने कुछ सुझाव दिए हैं.’ वहीं, कमेटी के सदस्य संजय शास्त्री ने न्यूज़18 के साथ बातचीत में साफ तौर पर उम्मीद जताई थी कि इस हफ्ते में सरकार इस पर कोई फैसला ले लेगी.

इसके बाद धामी कैबिनेट में धर्मस्व मंत्री और देवस्थानम बोर्ड पर बनी उप समिति के सदस्य सतपाल महाराज ने सोमवार को मुख्यमंत्री को सब कमेटी की रिपोर्ट सौंपी थी. महाराज ने कहा था कि इस रिपोर्ट में बोर्ड को भंग करने की सिफारिश की गई थी. इस मामले में सीएम धामी ने कहा ​था कि इस रिपेार्ट के बाद उनकी सरकार जल्द ही फैसला करेगी. गौरतलब है कि इस बोर्ड को तीर्थ पुरोहित परंपरागत अपने अधिकारों पर सरकार के नियंत्रण के आरोप लगाकर इसे भंग करने की मांग लेकर महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

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Tags: Pushkar Singh Dhami, Uttarakhand Government, Uttarakhand news



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