देवस्थानम बोर्ड भंग : कहीं दूध से अभिषेक तो कहीं चुनाव का जिक्र, तीर्थ पुरोहितों में ऐसे दिखा उत्साह
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देहरादून. लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड भंग करने की तीर्थ पुरोहितों की मांग आखिरकार मानते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को इस एक्ट को खत्म कर दिया, तो आक्रोश रैली निकाल चुके तीर्थ पुरोहितों के बीच खुशी और संतोष देखा गया. देवस्थानम बोर्ड भंग होने के बाद बद्रीनाथ धाम के मुख्य पड़ाव जोशीमठ में हक हकूक धारियों के पंडा समुदाय में खुशी देखी गई और इन सभी ने धामी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पुरानी समिति फिर ज़िंदा होने से सबको राहत मिलेगी. वहीं, हरिद्वार में पुरोहितों ने दुग्धाभिषेक आदि किया तो गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में भी इस फैसले का गर्मजोशी से स्वागत हुआ.
आंदोलन के बाद समाप्त किए गए देवस्थानम बोर्ड को लेकर हक हकूक धारियों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने जो देवस्थानम बोर्ड बनाया था, उनके हित में नहीं था. यह बोर्ड उनके अधिकारों को छीनने वाला था, लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री ने इस फैसले को बदलकर बड़ी राहत दी. जोशीमठ में हक हकूकाधारियों ने आज के दिन को ऐतिहासिक दिन बताते हुए यह भी कहा कि जब देवस्थानम बोर्ड का गठन हुआ, तब उन्हें पता नहीं था कि बोर्ड आखिर है क्या! लेकिन अब जो पुरानी बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति थी, वह पुनर्जीवित हो गई है, यही राहत की बात है.
तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि मंदिर समिति से जो उनके मान्य अधिकार हैं, उनके साथ सरकार को छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए थी. हक हकूक धारी सोनू बैजवाणी ने कहा कि बोर्ड के होने से पुरोहितों को रोज़मर्रा की कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि वह सामान्य पुरोहितों की पहुंच में ही नहीं था. इसी तरह, अन्य स्थानों पर भी पुरोहित उत्तराखंड सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए दिखे.
हर की पैड़ी पर हुआ अभिषेक
बोर्ड भंग किए जाने की घोषणा के बाद साधु-संतों और तीर्थ पुरोहितों में खुशी की लहर देखी गई. हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर तीर्थ पुरोहितों ने दुग्धाभिषेक किया और माँ गंगा की पूजा अर्चना कर खुशी का इजहार किया. साल 2019 में त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में बोर्ड का गठन किया गया था, तभी से यहां इसका विरोध किया जा रहा था और बोर्ड को भंग करने की मांग की जा रही थी.
पुरोहित देंगे भाजपा का साथ!
उत्तरकाशी स्थित गंगोत्री यमुनोत्री के पुरोहितों में खुशी की लहर छा गई. दोनों ही धामों के पुरोहितों मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए गंगा और यमुना मैया के जयकारे लगाए. गंगोत्री के पुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि तीर्थ पुरोहितों ने वादा किया था, अगर उत्तराखंड सरकार इस बोर्ड को भंग करेगी, तो पुरोहित समुदाय 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा का साथ देगा. इसके चलते आज का फैसला महत्वपूर्ण रहा.
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Tags: Char Dham, Pushkar Singh Dhami, Uttarakhand Government, Uttarakhand news
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