उत्तराखंड

रोशनी और उल्लास का पर्व है दीपावली, शोर और धुंए में न होने दे गुम

[ad_1]

देहरादून। दीपावली रोशनी और उल्लास का पर्व है, शोर और धुएं का नहीं। त्योहार मनाइए, पर अपनी सेहत, सुरक्षा और दूसरों को अनदेखा करके नहीं। यह दीयों से जगमग करने का त्योहार है। सभी कड़वाहट को मिटाकर अपनों के गले मिलने, बड़ों से आशीष लेने का दिन है। इसे पटाखों के शोर में गुम न होने दें।

दिक्कत पैदा करता है ध्वनि प्रदूषण

जिला अस्पताल (कोरोनेशन) के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डा. पीयूष त्रिपाठी के अनुसार ज्यादातर पटाखों से 80 डेसिबल से अधिक स्तर की आवाज निकलती है।

इस कारण बहरापन, उच्च रक्तचाप और अनिद्रा जैसी स्थिति आ जाती है।

बच्चे, गर्भवती महिलाएं और सांस की समस्याओं से पीड़ित लोग की अत्यधिक ध्वनि व प्रदूषण के कारण दिक्कतें बढ़ जाती हैं।

हवा में धूल के कणों के साथ घुले बारूद के कण और धुएं के संपर्क में ज्यादा देर रहने वालों को खांसी, आंखों में जलन, त्वचा में चकत्ते पड़ने के साथ उल्टी की समस्या भी हो सकती है।

स्वास्थ्य पर खतरा

वरिष्ठ चर्म रोग विशेषज्ञ डा. अनिल आर्य बताते हैं कि स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ाने के अलावा पटाखों से परोक्ष रूप से गंभीर दुष्परिणाम भी देखे गए हैं।

पटाखे सावधानी से नहीं चलाने पर त्वचा झुलस सकती है और इस पर लंबे समय तक जले का निशान बना रहता है।

गलत तरीके से आतिशबाजी करने के कारण बहुत लोग बुरी तरह जलकर जख्मी हो चुके हैं और कई लोगों की जान तक पर बन आई है।

पटाखों के जलने से त्वचा, बाल और आंखों की पुतलियों को भी गंभीर नुकसान पहुंचता है।

पटाखों में मौजूद नुकसानदेह रसायन त्वचा में शुष्कता और एलर्जी पैदा करते हैं।

वातावरण में नुकसानदेह रसायनों के फैलने से बालों के रोमकूप कमजोर पड़ जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप बाल टूटने लगते हैं और बालों की प्राकृतिक संरचना भी बिगड़ती है।

पटाखों के कारण आखों में जरा सी चोट भी एलर्जी और नेत्रहीनता की स्थिति पैदा करती है।

आंखों को रखें सलामत

दून मेडिकल कालेज के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ सुशील ओझा ने बताया कि आतिशबाजी के कारण प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है जो आंखों के लिए हानिकारक है।

पटाखे हमेशा खुली जगह पर चलाएं और दूरी का विशेष ध्यान रखें।

दुर्घटना से बचने के लिए चश्मा आदि पहनें।

रंगोली बनाने के बाद अपनी आंखों को अच्छी तरह साबुन से धोएं। ताकि रासायनिक पदार्थ आंख में न जाएं।

चिकित्सक व स्टाफ मुस्तैद

धनतेरस से लेकर मंगलवार दोपहर तक सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक 24 घंटे तैनात रहेंगे। अस्पतालों में अतिरिक्त पैरामेडिकल और अन्य स्टाफ की भी ड्यूटी रहेगी। इसके अलावा बाकी चिकित्सक और स्टाफ भी आनकाल उपलब्ध रहेंगे। ताकि जरूरत पडऩे पर उन्हें अस्पताल बुलाया जा सके। वहीं, 108 सेवा की एंबुलेंस में भी अतिरिक्त स्टाफ तैनात रहेगा। राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल, जिला अस्पताल के कोरोनेशन और गांधी शताब्दी अस्पताल परिसर, प्रेमनगर उप जिला अस्पताल, रायपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत विभिन्न सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में अतिरिक्त चिकित्सक और स्टाफ तैनात रहेगा। दून मेडिकल कालेज अस्पताल और कोरोनेशन अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन, जनरल सर्जन, नेत्र रोग विशेषज्ञ, त्वचा रोग विशेषज्ञ, ईएनटी रोग विशेषज्ञ भी तैनात रहेंगे। जबकि अन्य सरकारी अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से इमरजेंसी मेडिकल अफसर समेत अन्य चिकित्सक व स्टाफ उपलब्ध होंगे। इसके अलावा सांस रोग विशेषज्ञ भी अस्पतालों में आनकाल रहेंगे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज उप्रेती ने बताया कि दिवाली को देखते अस्पतालों में जरूरी व्यवस्था कर ली गई हैं। वहीं, राजकीय दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि अस्पताल में दिवाली को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सक और स्टाफ की तैनाती के लिए निर्देशित कर दिया गया है।



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *