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IPS ऑफिसर, डॉक्टर्स और गैंगस्टर… गुरुग्राम के 2 फ्लैट्स से 30 करोड़ की चोरी की पूरी कहानी

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गुरुग्राम. हरियाणा पुलिस (Haryana Police) की एसटीएफ (STF) द्वारा करोड़ों की चोरी के मामले की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल इस मामले में एक आईपीएस ऑफिसर को सस्पेंड किया गया है और जांच में पाया गया है कि आरोपी ने कम से कम 30 करोड़ रुपयों की चोरी की है. यही नहीं आरोपी ने चोरी को अंजाम देने के लिए गुड़गांव में सेक्टर 84 स्थित उसी सोसायटी में एक मकान भी किराए पर ले रखा था. इंडियन एक्सप्रेस ने जांचकर्ताओं के हवाले से लिखा है कि 3 अगस्त की रात को आरोपियों ने सोसायटी के दो फ्लैट्स में डाका डाला. इन्हीं दोनों फ्लैट्स में पैसे रखे हुए थे और इन पैसों की चोरी के बाद इन्हें एसयूवी के जरिए दिल्ली स्थित एक फ्लैट में ले जाया गया. एसटीएफ हरियाणा पुलिस के डीआईजी सतीश बालन ने कहा, ‘अभी तक की हमारी जांच के मुताबिक गैंगस्टर विकास लगरपुरिया के गुर्गों ने 30 करोड़ से ज्यादा की चोरी की है, जिन्होंने सेक्टर 84 स्थित दो फ्लैट्स में घटना को अंजाम दिया था.’

पुलिस के मुताबिक आरोपियों के पास यह जानकारी थी कि 11वें और चौथे फ्लोर पर स्थित दो फ्लैट्स में पैसे रखे गए हैं. इसके बाद आरोपियों ने उसी सोसायटी में एक फ्लैट किराए पर लिया. घटना की रात उन्होंने दोनों फ्लैट्स का ताला तोड़ा और करोड़ों की रकम बैग में भरकर कार से फरार हो गए.’ इस चोरी को सबसे पहले 21 अगस्त को रिपोर्ट किया गया था, जिसमें माना जा रहा था कि 50 लाख के करीब चोरी हुई है. मामले में शुरुआती रिपोर्ट खेड़की दौला पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी. मामले में शिकायतकर्ता कंपनी का एक कर्मचारी था, जिसके पास सोसायटी के मेंटनेंस की जिम्मेदारी थी, हालांकि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में चोरी की राशि का जिक्र नहीं किया था. हालांकि 26 अगस्त को दायर एक सप्लीमेंट्री बयान में कहा गया था कि कम से कम 50 लाख की चोरी हुई है.

30 अक्टूबर को इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई, क्योंकि मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और काले धन की संलिप्तता के आरोप लगे थे. इस मामले में अभी तक कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें दिल्ली पुलिस का एक ASI विकास गुलिया भी शामिल है. पुलिस ने अभी तक की जांच में 6 करोड़ रुपयों के साथ सोना और विदेशी मुद्रा बरामद की है. पुलिस को संदेह है कि विकास लगरपुरिया विदेश में छिपा हुआ है, जिसने चोरी को अंजाम दिया, जिसने घटना को अंजाम देने के लिए अपने बचपन के दोस्त गुलिया को भी इसमें शामिल किया, ताकि चोरी किए गए पैसे को सुरक्षित ठिकाने पर छिपाया जा सके, बाद में इस पैसे को हवाला के जरिए विदेश भेजा जाना था.

नवंबर महीने में हरियाणा एसटीएफ ने गुड़गांव के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था. ये सचिंदर जैन नवल और जीपी सिंह हैं. पुलिस का आरोप है कि इन दोनों डॉक्टरों ने ही साजिश के तहत लगरपुरिया को पैसे की लोकेशन के बारे में जानकारी दी और इसके बदले कमीशन की मांग की. दरअसल शुक्रवार को आईपीएस ऑफिसर धीरज सेतिया को निलंबित कर दिया गया, क्योंकि मामले में सेतिया के खिलाफ लगे आरोपों की कोर्ट जांच कर रही है.

इससे पहले 10 दिसंबर को कोर्ट ने दो अन्य आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. ये दोनों आरोपी डॉ अश्वनी और संदीप थे. स्थानीय अदालत ने अपनी सुनवाई में कहा था, ‘तथ्य ये है कि पहले जिस मामले में 50 लाख की चोरी का अनुमान था… वह उससे कहीं ज्यादा का लग रहा है.’ कोर्ट ने कहा था कि अगर सतर्कता और सावधानी के साथ मामले की जांच की गई तो ये 30-40 करोड़ से ज्यादा का केस बन सकता है.

कौन हैं IPS धीरज कुमार सेतिया 
2013 बैच के IPS ऑफिसर धीरज कुमार सेतिया (Dhiraj Kumar Setiya) रोहतक के सुनारियां में तृतीय IRB में कमांडेंट के पद पर तैनात थे. निलंबन अवधि के दौरान वह पुलिस मुख्यालय पंचकूला में रहेंगे. खास बात यह है कि IPS धीरज सेतिया का 24 नवंबर को ही यहां पर तबादला हुआ है. इससे पहले वह कुरूक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक (SP) भी रहे हैं. गुरुग्राम में हुई करोड़ों रुपये की चोरी (theft of crores in Gurugram) के मामले में धीरज सेतिया जांच में शामिल नहीं हुए. जिसके चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. निलंबन आदेश शुक्रवार को गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने जारी किए.

अल्फा कंपनी के ठिकानों पर हुई थी चोरी
जानकारी के मुताबिक, स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (STF) ने नोटिस भेजकर सेतिया को पूछताछ के लिए लगातार बुला रही थी, लेकिन वह नहीं पहुंच रहे थे. सरकार इस मामले में कड़े कदम उठाए और सेतिया के कदम को अनुशासनहीनता मानते हुए कार्रवाई की. गुरुग्राम में अल्फा कंपनी के ठिकानों पर चोरी अगस्त में हुई थी. STF की जांच शुरू होने के बाद दिल्ली के दो फाइनेंसरों ने करीब एक करोड़ से अधिक रकम और सोने के साथ सरेंडर कर दिया था. इस मामले में पूछताछ के बाद तीन डॉक्टरों के नाम भी आए थे, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल में बंद है.

डॉक्टर सचिंदर जैन को जानिए
नामी डॉक्टर और भाजपा नेता सचिंदर जैन (Sachinder Jain) पर करोड़ों की चोरी के मास्टरमाइंड होने का आरोप लग रहा है. आरोपी सचिंदर जैन भाजपा (BJP) से टिकट लेकर चुनाव लड़ने का दावा कर रहा था. जानकारी के मुताबिक गैंगस्टर लगरपुरिया के करीबी इस डॉक्टर ने करोड़ों की चोरी की साजिश रची थी. सचिंदर जैन खुद को भाजपा का बड़ा नेता बताता रहा है और हरियाणा के CM के साथ उसके कई फ़ोटो सोशल मीडिया पर भी वायरल हैं. STF चीफ सतीश बालन की माने तो डॉक्टर सचिंदर जैन नवल, डॉक्टर जेपी सिंह और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल में तैनात विकास गुलिया ने गैंगस्टर विकास लगरपुरिया के साथ मिल करोड़ों की चोरी की साजिश रची थी.

पुलिस जांच से असंतुष्ट अफसरों ने STF को सौंपी जांच
हरियाणा पुलिस के आला अफसर मामले में पहले हो रही जांच से संतुष्ट नहीं थे. ऐसे में मामले की जांच एफटीएफ को सौंप गई. एसटीएफ चीफ ने न केवल इस मामले में शामिल बड़े चेहरों को बेनकाब कर दिया, बल्कि खुलासा किया कि कैसे डॉक्टर सचिंदर जैन नवल ने गैंगस्टर विकास लगरपुरिया के साथ मिल करोड़ों की साजिश रच बड़ी वारदात को अंजाम दे डाला.

सूत्रों की माने तो डॉक्टर सचिंदर जैन का भाजपा से जुड़े होने के नाते अच्छा खासा रसूख था और वो खुद हरियाणा के बरवाला इलाके की राजनीति में भी काफी सक्रिय थे. जिसके चलते उन्हें लगता था कि गुरुग्राम पुलिस के हाथ उनके गिरेबां तक नही पहुंचेंगे, लेकिन अब एसटीएफ ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है.

Tags: CM Manohar Lal Khattar, Gurugram, Haryana news



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