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Himachal Tourism: शिमला में पटरी पर लौट रहा पर्यटन कारोबार, जाखू रोप-वे बना टूरिस्ट की पहली पसंद

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शिमला. कोविड के कारण हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार को खासा नुकसान हुआ है. बीते साल हिमाचल के पर्यटन निगम को 42 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ. इस साल भी नुकसान काफी ज्यादा है. पर्यटन से जुड़े कारोबारियों को भी खासा नुकसान हुआ, अब कोविड की स्थिति सामान्य होती हुई नजर आ रही है. राजधानी शिमला में पर्यटन कारोबार धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है. शिमला काफी ऐसे स्थल हैं जहां पर काफी संख्या में पहुंच रहे हैं, इनमें से एक है मॉल रोड से ठीक उपर स्थित जाखू रोप वे.
जाखू रोप वे से प्राचीन जाखू मंदिर का सफर मात्र 6 मिनट का है लेकिन ये सफर रोमांच से भरपुर है और पूरा शिमला का नजारा भी देखने को मिलता है. इन दिनों पर्यटक रोप वे की राइड का लुत्फ उठाने काफी संख्या में पहुंच रहे हैं. कोविड के बावजूद हर रोज 150 से 200 सैलानी यहां राइड लेने पहुंच रहे हैं. वीक एंड पर ये संख्या 400 से 500 के बीच पहुंच रही है.

बीते साल हिमाचल के पर्यटन निगम को 42 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ.

मुंबई से अपने परिवार के साथ घूमने आई रौशन शेख ने बताया कि यहां आकर बहुत अच्छा लगा, इससे पहले अमेरिका में रोप वे से सफर किया था. कोलकाता से आई नेहा ने कहा कि हर वर्ग के लोगों के लिए ये राइड बहुच अच्छी है. उनके पति ध्रुव ने कहा कि बच्चों की डिमांड पर दो दिन में दूसरी बार रोप वे सफर करने आए, यहां पर राइड काफी स्मूद है और यहां से जो नजारा देखने को मिलता है वो राइड को और भी मजेदार बनाता है.

घाटे में चल रहा है प्रोजेक्ट

बता दें कि यहां पर पीपीपी मोड पर बना ये रोप वे चार सालों से रोप वे चल रहा है. रोप वे के मैनेजर मदन शर्मा का कहना है कि इस प्रोजेक्ट पर 25 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस समय जब कोरोना के केसों में कमी आई है तबसे कारोबार में हल्का फर्क पड़ा है. शनिवार और रविवार को पर्यटक काफी संख्या में पहुंच रहे हैं. नवरात्रों के बाद से पर्यटकों की आमद थोड़ी बढ़ी है लेकिन जब से ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ है, तबसे घाटे में ही चल रहा है.

कोविड के बावजूद हर रोज 150 से 200 सैलानी यहां राइड लेने पहुंच रहे हैं. वीक एंड पर ये संख्या 400 से 500 के बीच पहुंच रही है.

यहां पहुंचने के लिए इलेक्ट्रिक कार देने की मांग
मदन शर्मा का कहना है कि दिल्ली,चंडीगढ़, मुंबई, कोलकाता समेत देश के तमाम मैदानी इलाकों से यहां पर टूरिस्ट आते हैं, जो चलना पसंद नहीं करते. रिज मैदान से यहां पर कम संख्या में लोग पहुंचते हैं. प्रतिबंधित मार्ग होने के चलते भी सैलानी अपनी गाड़ी से यहां नहीं पहुंच पाते. उन्होंने कहा कि अगर सरकार रिज मैदान स्थित चर्च से यहां तक इलेक्ट्रिक कार शुरू कर दे तो ज्यादां संख्या में पर्यटकों यहां पहुंच सकते हैं, बुजुर्ग भी आसानी से यहां पहुंच सकते हैं. रोप वे माध्यम से जाखू मंदिर तक पहुंचना आसान है, जिससे राज्य सरकार को भी फायदा होगा.

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