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Huzurabad Bypoll: केसीआर और चुनाव आयोग में क्यों खीचीं हैं तलवारें? कहीं ये योजना तो नहीं!

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Huzurabad Bypoll: दक्षिणी राज्य तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और चुनाव आयोग के बीच जबर्दस्त टकराव चल रहा है. राज्य की हुजुराबाद विधानसभा सीट पर 30 अक्टूबर उपचुनाव होने जा रहा है. इस उपचुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को एक सभा करने से रोक दिया है. आयोग के इस कदम की वजह से बवाल खड़ा हो गया है, लेकिन बात इतनी सी नहीं है. दरअसल, केसीआर को चुनाव प्रचार से रोकने के पीछे एक लंबी कहानी है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर आयोग ने एक मामूली विधानसभा उपचुनाव के लिए इतना कड़ा फैसला क्यों लिया….

चुनाव आयोग ने क्या किया
आयोग ने हुजुराबाद विधानसभा सीट (Huzurabad Assembly Constituency) पर शनिवार को मतदान के मद्देनजर न केवल इस क्षेत्र बल्कि पड़ोसी हनामकोंडा (Hanamkonda) और करीमनगर (Karimnagar) जिलों में किसी भी तरह के राजनीतिक कार्यक्रम और सम्मेलन पर रोक लगा दी है. चुनाव आयोग ने तेलंगाना की सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि वह हुजुराबाद उपचुनाव तक अपनी चर्चित दलित बंधु योजना पर आगे न बढ़े.

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क्या है दलित बंधु योजना (What is the Telangana Dalit Bandhu scheme)
अगस्त महीने में केसीआर ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार राज्य में दलित बंधुओं की स्थिति सुधारने के लिए 80 हजार से एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. उन्होंने इसे दलित बंधुओं के सशक्तिकरण के लिए देश की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम (DBTS) करार दिया था. इस योजना को पायलट परियोजना के तौर पर हुजुराबाद विधानसभा क्षेत्र में शुरू करने की घोषणा की गई.

इसके बाद विपक्ष ने केसीआर की खूब आलोचना की, क्योंकि हुजुराबाद में उपचुनाव होने थे. इस योजना के तहत सरकार दलित समुदाय में उद्यमशीलता बढ़ाने के लिए हर परिवार को 10 लाख रुपये की सीधे सहायता देने की बात कही गई है. एक बार इस योजना को क्रियान्यवन होने के बाद यह देश की सबसे बड़ी कैश ट्रांसफर स्कीम साबित होगी.

क्यों केसीआर नाराज हैं
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने हुजुराबाद के करीब हनामकोंडा में 27 अक्टूबर को एक सभा करने की योजना बनाई थी. इस सभा को सीएम केसीआर संबोधित करने वाले थे. लेकिन आयोग ने उपचुनाव वाले क्षेत्र के बाहर के इलाकों तक सभा करने पर रोक लगा दी और इसके साथ ही दलित बंधु योजना पर आगे न बढ़ने को कहा. इस कारण सीएम केसीआर नाराज हो गए.

केसीआर का तर्क
दरअसल, राज्य सरकार ने दलित समुदाय के लोगों की बेहतरी के लिए दलित बंधु योजना की घोषणा की है. लेकिन चुनाव आयोग ने उपचुनाव को देखते हुए इस योजना पर आगे बढ़ने से राज्य सरकार को रोक दिया. इस कारण 20 अक्टूबर को केसीआर ने आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि चुनाव आयोग अपनी हर सीमा पार कर रहा है. इसके बाद 25 अक्टूबर को हैदराबाद में पार्टी के एक कार्यक्रम में केसीआर ने कहा कि आयोग अपनी सीमा को लांध रहा है. मुझे जनसभा करने से रोककर आयोग को क्या मिल जाएगा. राज्य के मुख्यमंत्री और एक सीनियर राजनेता होने के नाते मैं यह पूछना चाहता हूं. इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि वह अपनी मर्यादा और स्वतंत्रता को बनाए रखे. किसी दवाब में आकर इससे समझौता न करे.

क्यों हो रहा उपचुनाव
हुजुराबाद में उपचुनाव राज्य के स्वास्थ्य मंत्री पद से एतेला राजेंदर (Etela Rajender) के इस्तीफे से जुड़ा है. राजेंदर को केसीआर ने एक मई को अपने मंत्रिमंडल से हटा दिया था. राजेंदर पर एक कंपनी ने उसकी जमीन हड़पने का आरोप लगाया था. इसके बाद राजेंदर ने टीआरएस और विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया. इस कारण यह सीट खाली हो गई और उपचुनाव करवाए जा रहे हैं.

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